लॉकडाउन के बीच दूरदर्शन लोगों को भरपूर मनोरंजन कर रहा है तो कोरोना से लड़ाई और सामान्य जीवन जीने के लिए ऑल इंडिया रेडियो भी अहम भूमिका निभा रहा है। दरअसल, लेह-लद्दाख में सिर्फ रेडियो की पहुंच है। इसकी मदद से धर्मगुरु कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं। 10वीं और 12वीं के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। साथ ही लोगों को फिट रहने के तरीके भी बताए जा रहे हैं।

रेडियो में विभिन्न धर्मों के गुरु लद्दाखी भाषा में डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस के अनुसार लोगों को वैज्ञानिक आधार पर बचाव के तरीके बता रहे हैं, जिससे लोग आसानी से समझ सकें। करीब 2.5 लाख की आबादी वाले लेह-लद्दाख में संचार का प्रमुख माध्यम ऑल इंडिया रेडियो ही है। लेह और करगिल दोनों जिला मुख्यालयों में चैनल आते हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों के 116 गांवों में नेटवर्क नहीं है। दोनों जिला मुख्यालय में हिंदी और अंग्रेजी  चैनल समझने वाले बहुत कम लोग हैं। इसलिए रेडियो ही यहां के लोगों का संचार का माध्यम है।

सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए धर्मगुरुओं की कोरोना से बचाव की बाइट स्थानीय भाषा में न्यूज के समय चलाई जा रही है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग आज भी न्यूज का इंतजार करते हैं। लॉकडाउन में विशेष श्रेणी (गर्भवती महिलाएं, विकलांग, बुजुर्ग, बीमार) के लोगों को डिप्रेशन से बचाने के लिए मनोचिकित्सकों की सलाह दी जाती है कि वे घर पर किस तरह अपने आप को फिट रखें। लेह-लद्दाख में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 7 मार्च को सामने आया था। अब तक 18 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 14 ठीक होकर घर भी जा चुके हैं।

यहां करीब 350 से अधिक सरकारी स्कूल हैं, जहां ऑनलाइन पढ़ाई संभव नहीं है। करीब दो सप्ताह पहले 10वीं और 12वीं के बच्चों को रेडियो के माध्यम से पढ़ाई का फैसला लिया गया और पढ़ाई शुरू करा दी गई। रोजाना सुबह 10 से 11 बजे तक दो-दो विषयों की पढ़ाई कराई जा रही है। शाम 4-5 बजे दोबारा प्रसारण किया जा रहा है। ऑल इंडिया रेडियो के अधिकारियों के अनुसार कोशिश की जा रही है कि छात्र टीचर से सवाल भी पूछ सकें।

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