राजधानी देहरादून से गंगोत्री-यमुनोत्री के लिए पांच साल में चल जाएगी ट्रेन, जानें कितने बनेंगे रेलवे स्टेशन  

गंगोत्री-यमुनोत्री रेलमार्ग के निर्माण पर 30 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। रेल विकास निगम ने इस प्रोजेक्ट पर आने वाले खर्च की रिपोर्ट तैयार कर ली है। यह रिपोर्ट दीपावली के बाद रेल मंत्रालय को भेजी जाएगी।  रेल विकास निगम ने मई 2019 में गंगोत्री-यमुनोत्री रेल लाइन की फाइनल सर्वे रिपोर्ट बनाई। सर्वे रिपोर्ट को इसी वर्ष रेल मंत्रालय को भेज दिया गया।

इसके बाद निगम रेल लाइन बिछाने पर आने वाले खर्च की रिपोर्ट तैयार करने में जुट गया था। निगम ने उम्मीद जताई है कि इस प्रस्ताव को आगामी बजट में हरी झंडी दिखा दी जाएगी। प्रोजेक्ट के लिए बजट मिलने के बाद रेल लाइन बिछाने में पांच साल का समय लगेगा।

फाइनल रिपोर्ट पर खर्च हुए 21 करोड़ : गंगोत्री-यमुनोत्री रेलमार्ग की फाइनल रिपोर्ट बनाने में 21 करोड़ रुपये का खर्च आया है। केदारनाथ-बदरीनाथ रेल लाइन की रिपोर्ट तैयार करने पर भी निगम ने 22 करोड़ खर्च किए। निगम इसकी भी फाइनल बजट रिपोर्ट तैयार करने में जुटा है।

11 स्टेशन बनेंगे डोईवाला से यमुनोत्री-गंगोत्री के बीच

डोईवाला से गंगोत्री-यमुनोत्री तक की इस लाइन पर 11 रेलवे स्टेशन-डोईवाला, संगतियावाला, सारंधावाला, आमपाटा, मरोड, कंडीसौड़, चिन्यालीसौड़, डुंडा, अटाली, लदाड़ी और मनेरी होंगे। निगम के परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुडी ने बताया कि अटाली जंक्शन होगा, यहां से यमुनोत्री को ट्रेन जाएगी। उत्तरकाशी-गंगोत्री के लिए आखिरी स्टेशन मनेरी होगा। इस लाइन पर तीस हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

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