मुंबई: एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता (Tanushree Dutta) द्वारा शुरू किए गए मी टू मूवमेंट ने देशभर में कई लोगों को सामने आकर अपनी बात रखने के लिए प्रेरित किया था. मीटू मुवमेंट मे इंडस्ट्री के कई नाम सामने आए. ऐसे में तनुश्री के लॉयर नितिन सातपुते ने सुशांत सिंह राजपूत के पहलुओं पर अपनी राय रखा है. जी न्यूज को भेजे गए वीडियो में नितिन सातपुते ने बताया है कि 2008 में तनुश्री के साथ हुए सेक्सुअल हैरेसमेंट को 2017 में लोगों ने #मीटू मूवमेंट की तरह अपनाया था.
नितिन सातपुते (Nitin Satpute) ने Zee news को भेजे गए वीडियो में कहा है कि सुशांत के केस को लेकर इन्वेस्टिगेशन में परतें खुलती जा रही हैं और अगर सुशांत को साइडलाइन किया गया या टारगेट किया गया है तो वह बिल्कुल सही नहीं है. सुशांत की आत्महत्या से फिल्म इंडस्ट्री सकते में आ गई है. प्राइमा फेसी के अनुसार आत्महत्या नजर आ रही है लेकिन तर्क वितर्क और इन्वेस्टिगेशन इस केस के अलग-अलग पहलुओं को सामने ला रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि, पुलिस इन्वेस्टिगेशन के शुरुआत में नेपोटिज्म का मामला सामने आ रहा है, जिसमें की हरासमेंट, प्रताड़ना की बात नजर आ रही है. नितिन सातपुते ने तनुश्री दत्ता का उदाहरण देते हुए कहा कि 2008 में जब तनु के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट हुआ था और 2017 मे मामला दर्ज हुआ था, उनके मन में भी आत्महत्या करने जैसी बात आ रही थी. तफ्तीश में अगर यह आता है कि सुशांत को आत्महत्या करने के लिए उकसाया गया है तो ऐसे लोगों को सजा मिलनी चाहिए. नितिन सातपुते का कहना कि उन्हें कई लोगों ने अप्रोच किया है कि वह सुशांत के मामले को देखें और जिन भी लोगों का नाम इन्वेस्टिगेशन में आता है जिसने सुशांत को साइड कॉर्नर किया है या नेपोटिज्म के तहत शिकार बनाया है उन्हें वह कड़ी सजा दिलवाए और उन पर कार्यवाही करें.