केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 4.0 में काफी राहत दी है। इसके साथ ही केंद्र ने जोन तय करने का अधिकार भी राज्यों को दे दिया है। नतीजा, कई राज्यों में केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी गाइडलाइन का पालन सही तरीके से नहीं किया जा रहा। लॉकडाउन 4.0 में उनकी यह लापरवाही कोरोना संक्रमण को पांव पसारने का मौका दे रही है। इस बाबत केंद्रीय गृह मंत्रालय दो दिन पहले एडवायजरी जारी कर चुका है। इसमें कहा गया है कि कोविड-19 के प्रसार पर रोकथाम के लिए सरकार के दिशा-निर्देशों में शामिल सभी उपायों का सख्ती से कार्यान्वयन आवश्यक है।

सूत्रों के अनुसार, लापरवाही बरतने वाले राज्यों को अब केंद्र सरकार चेतावनी देने की तैयारी कर रही है। यह भी संभव है कि कुछ राज्यों के लिए अलग से नई गाइडलाइन भी जारी कर दी जाएं।अभी जो उल्लंघन सामने आ रहे हैं, उनमें सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का इस्तेमाल, विभिन्न जोन के लिए निर्धारित मापदंड, रात्रि कर्फ़्यू और आरोग्य सेतु एप का प्रयोग न करना, आदि शामिल हैं।

देश में 18 मई से लागू हुआ ‘लॉकडाउन 4.0’ 31 मई तक रहेगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, सभी राज्यों में लॉकडाउन को लेकर कैसी स्थिति है, इस पर नजर रखी जा रही है। कई जगहों से उल्लंघन की रिपोर्ट मिल रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा था कि होटल, रेस्तरां और अन्य आतिथ्य सेवाएं बंद रहेंगी। स्वास्थ्य/पुलिस/सरकारी अधिकारियों/स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं/पर्यटकों सहित फंसे हुए व्यक्तियों को ठहराने और क्वारंटीन सुविधाओं के लिए इन सेवाओं के उपयोग की अनुमति होगी। रेस्तरां को खाद्य वस्तुओं की होम डिलीवरी के लिए किचन चलाने की अनुमति होगी।

पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, पंजाब, बिहार, झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और राजस्थान में कई जगहों पर उक्त आदेशों की जमकर अवहेलना हो रही है। किन लोगों के लिए ये सुविधा चालू करने की बात कही गई है, इसे किनारे रख दिया गया है। मनमर्जी से होटल शुरु हो गए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क, इन दोनों नियमों का उल्लंघन हो रहा है।बाजार में भी सामाजिक दूरी का नियम टूटने लगा है। पहले दो तीन दिन तक तो दुकानों के आसपास सैनिटाइजर का इस्तेमाल होता हुआ दिखा, लेकिन उसके बाद लोग पहले वाले अंदाज में आ गए।

कंटेनमेंट जोन को छोड़कर, जिन जगहों पर बसें चलाई गई हैं, वहां भी सामाजिक दूरी का नियम तोड़ा जा रहा है। बस ड्राइवर और कंडक्टर की जांच नहीं हो रही। ये हिदायत दी गई कि 65 साल से अधिक उम्र वालों को बाहर नहीं निकलना है, अनेक जगहों पर इस आयु के लोग भी अपने घरों से बाहर देखे गए हैं। टिकट और पैसे का आदान प्रदान कैसे करना है, ये सब काम पहले की तरह हो रहे हैं। बसों को 24 घंटे में केवल एक बार, वो भी कुछ ही राज्यों में सैनिटाइज किया जा रहा है।

कंटेनमेंट जोन के लिए तय नियमों का पालन नहीं हो रहा… 

इस बार जोन तय करने का अधिकार राज्यों को दिया गया है। कंटेनमेंट, बफर, रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन राज्य तय करेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसके लिए मानदंड बनाए थे। इन्हीं को ध्यान में रखते हुए संबंधित राज्य और संघ राज्य क्षेत्र सरकारें ये जोन करेंगी। अब देखने में आ रहा है कि जोन तय करने में मनमर्जी बरती जा रही है। कंटेनमेंट जोन में, केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति दी गई थी, जबकि अब कई राज्यों में अतिरिक्त छूट दी गई हैं। इन जोनों से लोगों की आवाजाही रोकने के लिए सख्त घेराबंदी की बात कही गई, मगर अब देखने को मिला है कि वहां बिना किसी बाधा के लोग आ जा सकते हैं।

कंटेनमेंट जोन में गहन कंटेक्ट ट्रेसिंग, हाउस टू हाउस सर्विलेंस और जरूरत के अनुसार अन्य क्लिनिकल इंटरवेंशन नहीं हो पा रहे हैं। अप्रशिक्षित कर्मियों के हाथ में शरीर का तापमान मापने वाले यंत्र दिए गए हैं।

जरूरी गतिविधियों को छोड़कर, रात्रि 7 बजे से सुबह 7 बजे के बीच लोगों की आवाजाही कड़ाई से निषिद्ध रहेगी। यानी रात्रि कर्फ्यू लागू रहेगा। यह नियम तो सबसे ज्यादा तोड़ा जा रहा है।किसी भी राज्य में सही तरीके से रात्रि कर्फ्यू का पालन नहीं हो रहा। आरोग्य सेतु एप का उपयोग महज उसे डाउनलोड करने तक ही सीमित है।

सुरक्षा चक्र टूटा तो तेजी से बढ़ने लगे कोरोना संक्रमण के केस…

मध्यप्रदेश में कोरोना का संक्रमण 52 में से 50 जिलों में फैल चुका है। शनिवार सुबह तक राज्य में 6170 संक्रमित मरीज सामने आए हैं। अभी तक 272 लोगों की की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र में 1517 लोगों की जान चली गई है। इस राज्य में कोरोना केसों की संख्या 45 हजार के पार हो गई है। उत्तरप्रदेश में शनिवार को सुबह जारी रिपोर्ट में कोरोना वायरस के 232 नए केस सामने आए हैं। यहां कोरोना के कुल पॉजिटिव केस 5735 हैं। राजस्थान में कोरोना के केस 6,657 हैं। बिहार में शनिवार सुबह तक 2345 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं।

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