भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का कहना है कि उत्तर भारत में गुरुवार से अधिकतम तापमान में गिरावट आने की संभावना है। गुरुवार सुबह जारी किए गए बुलेटिन में आईएमडी ने कहा, ‘पश्चिमी विक्षोभ और निचले स्तरों में पूर्व-पश्चिम के प्रभाव के कारण 28-30 मई तक बारिश या गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। वहीं उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में 28 के बाद अधिकतम तापमान में कमी होने की संभावना है इससे गर्म हवाओं में कमी आएगी।’

आईएमडी बुलेटिन में कहा गया है कि पश्चिमी विक्षोभ वर्तमान में उत्तर-पूर्व अफगानिस्तान और निकटवर्ती समुद्री स्तर पर पाकिस्तान से 5.8 किलोमीटर ऊपर स्थित है। पश्चिमी विक्षोभ एक चक्रवाती परिसंचरण है जो भूमध्य सागर में उत्पन्न होता है। मध्य एशिया को पार करते हुए यह हिमालय के संपर्क में आने पर पहाड़ियों और मैदानी इलाकों में बारिश लाता है।
मौसम विभाग ने कहा कि अगले दो-तीन दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम, मध्य और पश्चिम भारत के अधिकतम तापमान में तीन-चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आएगी। उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में वर्षा या गरज के साथ बारिश होने की भी भविष्यवाणी की गई है।

उत्तर और मध्य भारत में तापमान पिछले चार-पांच दिनों से 47 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा है। राजस्थान के चुरू में मंगलवार को अधिकतम तापमान 50 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो बुधवार को 49.6 डिग्री था। वहीं गंगानगर और बीकानेर जिलों में तापमान 48.9 डिग्री रहा। पंजाब के बठिंडा में तापमान 47.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि दिल्ली में यह 47.2 डिग्री रहा।

आईएमडी ने दक्षिण-पश्चिम मानसून की प्रगति पर कहा कि यह अंडमान सागर और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अधिकांश हिस्सों में दक्षिण बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों की ओर बढ़ गया है। आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक नरेश कुमार ने कहा, ‘पश्चिमी विक्षोभ के हल्की वर्षा लाने की संभावना है क्योंकि आज से गर्मी की तीव्रता में कमी आ सकती है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाओं के परिणामस्वरूप उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में भी बारिश हो सकती है।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here