उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले 2800 को पार कर गए हैं. कोरोना के बढ़ते आंकड़ों ने योगी सरकार की चिंता बढ़ा दी है. यही वजह है सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कोरोना को लेकर बनी टीम-11 के साथ स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की. योगी सरकार की कोरोना से निपटने के साथ ही प्रदेश में बेहतर इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाएं देने की तैयारी है.

इमरजेंसी सेवाओं के लिए 75 जिलों के सरकारी अस्पतालों में 23 हजार बेड के साथ 2481 विशेषज्ञ डाक्टरों की तैनाती की गई है. साथ ही सभी जिलों के 660 निजी अस्पतालों में एक लाख से अधिक बेड का इंतजाम कर लिया गया है. कोविड-19 के लिए लेवल -1, लेवल – 2 और लेवल – 3 के अस्पतालों में 41 हजार आईसोलेशन बेड का भी इंतजाम है.

कोविड अस्पतालों में 1250 से ज्यादा वेंटिलेटर की व्यवस्था के साथ ही 21 हजार से ज्यादा क्वारनटीन बेड की व्यवस्था की गई है. इमरजेंसी सेवाओं में लगाए गए डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ को इंफेक्शन से बचाने की विशेष ट्रेनिंग दी गई है. स्वास्थ्य से जुड़ी सामान्य समस्याओं के समाधान के लिए ई-परामर्श की व्यवस्था लागू करके टोल फ्री नंबर जारी कर दिया गया है.

जिलों में टेली कंसल्टेंसी की सुविधा दी गई है. नपद स्तर पर समाचार पत्रों में टेलीफोन पर चिकित्सीय परामर्श देने वाले डाक्टरों का विवरण जारी कर दिया गया है. सामान्य व्यक्ति उस पर फोन कर उसका लाभ ले सकता है और डॉक्टरों से सलाह ले सकता है.

दरअसल, यूपी में कोरोना की बढ़ती रफ्तार ने योगी सरकार की टेंशन बढ़ा दी है. बीते 24 घंटे में 118 नए मामलों के साथ मरीजों की संख्या 2 हजार 880 तक जा पहुंची है, जिनमें 1 हजार 152 मरीज तबलीगी जमात के हैं. राज्य के सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित शहर आगरा में 640, कानपुर में 276, लखनऊ में 231 और नोएडा में 193 कंफर्म केस हैं.

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