लॉकडाउन में भरी शराब की बोतलों की असली अहमियत कोई शराब का शौकीन ही बता सकता है, लेकिन क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि खाली शराब की शीशियां और बोतलें भी किस तरह लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का संदेश सकती हैं? तो इसके लिए वाराणसी एक वाइन शॉप से आई तस्वीरों पर गौर करिए.

यहां बड़ी ही खूबसूरती से गोल-चौकोर घेरों में शराब की खाली बोतलों-शीशियों को इसलिए खड़ा किया गया है ताकि इंसान से इंसान की दूरी बनी रहें.

शहर के रामकटोरा पर स्थित शराब की दुकान पर काम करने वाले सेल्समैन आकाश ने बताया कि कबाड़ में पड़ी खाली शीशियों पर नंबरिंग की गई और फिर उसे सोशल डिस्टेंसिंग के बने घेरों पर रख दिया. अब आसानी से खरीदार नंबर के मुताबिक आकर शराब खरीदकर जा रहे हैं. इसका फायदा ये है कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ भीड़ पर नियंत्रण हो गया.

लॉकडाउन में भरी शराब की बोतलों की असली अहमियत कोई शराब का शौकीन ही बता सकता है, लेकिन क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि खाली शराब की शीशियां और बोतलें भी किस तरह लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का संदेश सकती हैं? तो इसके लिए वाराणसी एक वाइन शॉप से आई तस्वीरों पर गौर करिए.

यहां बड़ी ही खूबसूरती से गोल-चौकोर घेरों में शराब की खाली बोतलों-शीशियों को इसलिए खड़ा किया गया है ताकि इंसान से इंसान की दूरी बनी रहें.

इसके साथ ही शराब के शौकिनों का शौक भी पूरा हो जाए. इसके बाद किनारे दूसरी तरफ खड़े शराब के तल्बी लोगों को सेल्समैन शराब की शीशियों पर लिखे नंबरों के मुताबिक, पुकारकर आवाज देता और खरीदार उन खाली नंबर लिखी शीशियों को उठाकर सेल्समैन को दिखाकर शराब खरीद पाते.

इस तरकीब की शराब खरीदने आए लोगों ने जमकर तारिफ की और बताया कि इससे न केवल सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार है, बल्कि उनकों भी कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा है.

शहर के रामकटोरा पर स्थित शराब की दुकान पर काम करने वाले सेल्समैन आकाश ने बताया कि कबाड़ में पड़ी खाली शीशियों पर नंबरिंग की गई और फिर उसे सोशल डिस्टेंसिंग के बने घेरों पर रख दिया. अब आसानी से खरीदार नंबर के मुताबिक आकर शराब खरीदकर जा रहे हैं. इसका फायदा ये है कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ भीड़ पर नियंत्रण हो गया.

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