कोरोना वायरस के खिलाफ देश में लड़ाई जारी है. इस बीच जब रैपिड टेस्टिंग किट आई तो उम्मीद थी कि अब जल्द से जल्द कोरोना पीड़ित व्यक्ति की पहचान हो पाएगी, लेकिन चीन से आई सभी किटों पर सवाल खड़ा हो गया है. उत्तर प्रदेश में भी अब इस किट के इस्तेमाल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है. यहां हॉटस्पॉट बने क्षेत्रों में इस किट के जरिए जांच की जा रही थी.
मंगलवार को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बयान दिया कि राज्य सरकारें अगले दो दिन के लिए चीन से आई रैपिड किट का इस्तेमाल ना करें. बता दें कि उत्तर प्रदेश के नोएडा में बने हॉटस्पॉट में 100 संदिग्ध लोगों का टेस्ट इस किट के जरिए किया गया था, जिनकी सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है.
इससे पहले राजस्थान से जो 7000 से अधिक बच्चे वापस आए हैं, उनमें से अधिकतर की रिपोर्ट भी नेगेटिव ही आई है. सिर्फ कोटा से गाजीपुर लौटे एक छात्र की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. ऐसे में चीन से आई रैपिड किट की सफलता पर सवाल खड़े हो रहे हैं, यही कारण है कि ICMR ने अगले दो दिनों के लिए इसका इस्तेमाल नहीं करने को कहा है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मंगलवार को 700 से अधिक कोरोना वायरस के टेस्ट किए गए, जिसमें 12 लोगों का टेस्ट पॉजिटिव आया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, उत्तर प्रदेश में बुधवार सुबह तक कोरोना वायरस के कुल 1294 केस हो गए हैं, जबकि राज्य में इस महामारी की वजह से 20 लोगों की जान चली गई है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने कई जिलों में हॉटस्पॉट घोषित किए हैं और इन इलाकों में 20 अप्रैल से दी गई कोई भी छूट नहीं दी जा रही है. मंगलवार को ही नोएडा के डीएम ने दिल्ली से सटे बॉर्डर को पूरी तरह से सील करने का आदेश दिया था.