यूएई में सोशल मीडिया पर इस्लामोफोबिया से जुड़ीं पोस्ट करने को लेकर तीन भारतीयों को नौकरी से निकाल दिया गया है या उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. इससे कुछ दिन पहले ही यूएई के भारतीय राजदूत ने प्रवासी भारतीयों को कड़ी हिदायत दी थी कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की भड़काऊ पोस्ट ना करें.

गल्फ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया की पोस्ट को लेकर यूएई में रह रहे करीब आधा दर्जन भारतीयों के खिलाफ कार्रवाई हुई है. अब इस सूची में तीन अन्य भारतीयों का नाम भी जुड़ गया है. इन तीन भारतीय हैं- शेफ रावत रोहित, स्टोरकीपर सचिन किन्नीगोली और एक कैश कस्टोडियन जिनकी पहचान एंप्लायर की ओर से जाहिर नहीं की गई है.

गल्फ न्यूज ने लिखा, ऐसा लगता है कि भारतीय प्रवासियों ने अपने राजदूत की चेतावनी को भी अनसुना कर दिया है क्योंकि इस्लामोफोबिया से जुड़ीं सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कार्रवाई का सामना करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. यूएई की राजकुमारी हेंद कासिमी ने भी सख्त शब्दों में कहा था कि अगर उनके देश में रह रहे भारतीयों ने नफरत फैलाने वाली पोस्ट कीं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

यूएई की राजकुमारी के नाराजगी भरे ट्वीट के बाद भारतीय राजदूत को सामने आना पड़ा. 20 अप्रैल को यूएई में भारतीय राजदूत पवन कपूर ने भारतीयों को आगाह किया कि इस तरह का बर्ताव बिल्कुल ना करें. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था, भारत और यूएई किसी भी आधार पर भेदभाव के बिना सबके साथ समान बर्ताव करते हैं. भेदभाव करना हमारे नैतिक मूल्यों और कानून दोनों के खिलाफ है. यूएई में रह रहे भारतीयों को ये बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए.

पिछले सप्ताह तीन और भारतीयों ने आपत्तिजनक पोस्ट की और सोशल मीडिया यूजर्स ने इसकी शिकायत कर दी. इसके बाद उनके एंप्लायर को ऐक्शन लेना पड़ा. दुबई में इटालियन रेस्टोरेंट चेन इटैली चलाने वाले आजादिया ग्रुप के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की कि शेफ रोहित को सस्पेंड कर दिया गया है और उसके खिलाफ अनुशासनात्मक जांच चल रही है. शारजाह के न्यूमिक्स ऑटोमेशन ने भी कहा कि उन्होंने अपने स्टोरकीपर किन्नीगोली को अगली नोटिस आने तक सस्पेंड कर दिया गया है.

फर्म के मालिक ने कहा, हमने उनकी सैलरी रोक दी है और उनसे काम पर आने के लिए मना कर दिया है. मामले की जांच चल रही है. इस संबंध (इस्लामोफोबिया) में जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है. जो भी किसी दूसरे के धर्म का अपमान करने या नफरत करने का दोषी पाया जाएगा, उसे इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे.

दुबई आधारित ट्रांसगार्ड ग्रुप के एक प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने विशाल ठाकुर नाम के एक कर्मचारी के खिलाफ ऐक्शन लिया है जिसने फेसबुक पर इस्लाम विरोधी तमाम पोस्ट लिखी थीं. प्रवक्ता ने बताया, आतंरिक जांच के बाद कर्मचारी की पहचान की पुष्टि की गई और उसके सिक्योरिटी के दस्तावेज छीन लिए गए. उसे नौकरी से निकाल दिया गया और कंपनी की पॉलिसी के मुताबिक संबंधित अधिकारियों को सौंप दिया. फिलहाल, वह दुबई पुलिस की कस्टडी में है.

पिछले महीने शारजाह के ही एक कारोबारी सोहन रॉय को अपनी एक कविता के जरिए लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए माफी मांगनी पड़ी थी. मार्च महीने में त्रिलोक सिंह को नागरिकता कानून को लेकर दिल्ली के एक छात्र को ऑनलाइन धमकाने को लेकर दुबई के एक रेस्टोरेंट से नौकरी से निकाल दिया गया था.

यूएई में लाखों भारतीय काम करते हैं और इसकी अर्थव्यवस्था में भी भारतीयों का अहम योगदान है. नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद से खाड़ी देशों के साथ भारत के रिश्ते काफी मजबूत हुए हैं. यूएई ने कश्मीर मुद्दे को भारत का आंतरिक मसला बताते हुए नरेंद्र मोदी सरकार के अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले का समर्थन किया था. यही नहीं, यूएई ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नवाजा था. हालांकि, विश्लेषकों ने आशंका जताई है कि यूएई में कुछ भारतीयों की इस्लामोफोबिया पोस्ट को लेकर विवाद गहराता जा रहा है और इसका असर दोनों देशों की दोस्ती पर भी पड़ सकता है.

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