UP: Yogi government withdraws notification, now laborers will not work for 12 hours

 

उत्तर प्रदेश में श्रमिकों के काम की अवधि 12 घंटे किए जाने की अधिसूचना को राज्य सरकार ने शुक्रवार को वापस ले लिया। प्रमुख सचिव श्रम सुरेश चंद्रा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य स्थायी अधिवक्ता को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है। उन्होंने इसी के आधार पर सरकार का पत्र हाईकोर्ट में प्रस्तुत करने का आग्रह किया है।

राज्य सरकार ने आठ मई को अधिसूचना जारी करके मजदूरों के काम के घंटों में बदलाव किया था। उनकी कार्य अवधि को बढ़ाकर 12 घंटे तक कर दिया गया था। वर्कर्स फ्रंट ने इस अधिसूचना के विरोध में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी, जिस पर अदालत ने सरकार को नोटिस जारी किया था।

मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई की तिथि 18 मई निर्धारित की है। नोटिस जारी होने के बाद प्रमुख सचिव श्रम ने शुक्रवार को मुख्य स्थायी अधिवक्ता को पत्र भेजकर श्रमिकों की कार्य अवधि 12 घंटे करने के संबंध में आठ मई की अधिसूचना को निरस्त करने की जानकारी दी।

यह अधिसूचना 15 मई को निरस्त की गई है। प्रमुख सचिव ने मुख्य स्थायी अधिवक्ता से इसकी सूचना उच्च न्यायालय को देने का भी अनुरोध किया है। वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के नोटिस देने के बाद सरकार बैकफुट पर आ गई है।

इसीलिए उसने अपनी अधिसूचना वापस ले ली। उन्होंने अधिसूचना निरस्त किए जाने को मजदूरों की जीत बताया है। उन्होंने इसके लिए मजदूरों व उनका सहयोग करने वालों को बधाई दी है। ज्ञात हो कि इस जनहित याचिका में अधिवक्ता प्रांजल शुक्ला व विनायक मित्तल ने बहस की था।

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