उत्तराखंड में तीन दिन राहत के बाद फिर दो कारोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से आई रिपोर्ट में एक संक्रमित मरीज हरिद्वार जिले और दूसरा मरीज ऊधमसिंह नगर जिले से सामने आया है। इसके साथ ही अब प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 63 हो गई है।

अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने दोनों मरीजों में कोरोना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि  प्रदेश में अभी तक 8547 लोगों के सैंपल की जांच की गई है जिसमें से 8485 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में संक्रमण के दोगुना होने की दर 71 दिन हो गई है। पूरे प्रदेश में आठ हजार से अधिक लोग होम क्वारंटीन हैं। जबकि तीन हजार लोग फैसिलिटी क्वारंटीन में हैं।

हरिद्वार का मरीज ऋषिकेश एम्स में भर्ती, काशीपुर का मरीज दिल्ली से लौटा था
बता दें कि हरिद्वार जिले में अभी तक कोरोना संक्रमण के सात मरीज सामने आए हैं, जिसमें से पांच मरीज ठीक हो चुके हैं। दो मरीजों का इलाज मेला अस्पताल में चल रहा है। वहीं, आज नया मरीज आने के बाद अब हरिद्वार में संक्रमितों की संख्या आठ हो गई है। वहीं, खाताखेड़ा गांव को सील भी कर दिया गया है।

जानकारी के अनुसार, हरिद्वार का 26 वर्षीय मरीज भगवानपुर के खाताखेड़ी गांव से है। वह कुछ दिन पहले अपनी सर्जरी कराने के लिए ऋषिकेष एम्स गया था। वहीं पर मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

एम्स से पहले वह रुड़की के ही दो अस्पताल में भी गया था। उसके बाद पीड़ित को वहां से एम्स के लिए रेफर किया गया था। हालांकि मरीज की देखभाल कर रही उसकी पत्नी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। अस्पताल प्रशासन जानकारी के लिए परिजनों से संपर्क कर रहा है।

वहीं, ऊधमिसंह नगर जिले में काशीपुर के एक 23 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पॉजिटव आने से हड़कंप मचा हुआ है। युवक कल दो अन्य लोगों के साथ दिल्ली से काशीपुर आया था। तीनों को काशीपुर के एलडी भट्ट अस्पताल में आइसोलेट किया गया था। युवक की रिपोर्ट आज पॉजिटिव आई है, जबकि दो अन्य लोगों की रिपोर्ट निगेटिव है। कोरोना नोडल अधिकारी डॉ. अमर जीत सिंह ने बताया कि पॉजिटिव मरीज को लाने में सरकारी अस्पताल के फार्मासिस्ट ने अपने गाड़ी ऑल्टो का प्रयोग किया था। शनिवार को फार्मासिस्ट भी आइसोलेट किया जाएगा। अब तक 304 मरीजो की जांच हो चुकी है।

उत्तराखंड में आधे हो गए कंटेनमेंट जोन
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की दर कम होने से कंटेनमेंट जोन भी आधे हो गए हैं। वर्तमान में प्रदेश के चार जिलों में आठ कंटेनमेंट जोन हैं। जिनमें अभी सभी तरह की गतिविधियों पर प्रतिबंध है।

प्रदेश में 15 मार्च को कोरोना संक्रमित का पहला मामला मिला था। उसके बाद से प्रदेश में कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या 63 हो गई है, लेकिन राहत की बात यह है कि इन संक्रमित मरीजों में से 45 ठीक हो चुके हैं। कोरोना संक्रमित मामलों के आधार पर देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों में 15 कंटेनमेंट जोन घोषित कर सख्त निगरानी रखी गई।

संक्रमण में सुधार होने के बाद संक्रमित क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन से बाहर कर लोगों को राहत दी गई। पांच मई को चार जिलों में 16 कंटेनमेंट जोन थे। वर्तमान में आठ कंटेनमेंट जोन हैं। इसमें देहरादून जनपद में आजाद नगर कॉलोनी, बीस बीघा कॉलोनी ऋषिकेश, शिवा एन्क्लेव वार्ड-24 ऋषिकेश, चमन विहार, वार्ड नंबर-5 आवास विकास ऋषिकेश, हरिद्वार जनपद में नगला इमरती रुड़की, नैनीताल जनपद में बनभूलपुरा हल्द्वानी और ऊधमसिंह नगर में वार्ड नंबर 13 राजीव नगर बाजपुर शामिल है।

अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन से बाहर किया जा रहा है। प्रदेश में अब आठ कंटेनमेंट जोन हैं। यहां पर संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है।

नेपाल जाने को कोटद्वार से पैदल निकले मजदूरों को कालागढ़ में पुलिस ने दबोचा
कोटद्वार के भाबर के जशोधरपुर क्षेत्र में एक खननकारी के स्टॉक में काम करने वाले छह नेपाली मजदूर पैदल ही नेपाल जाने को रवाना हो गए। कालागढ़ पुलिस ने उन्हें कालागढ़ में दबोच लिया और निजी वाहन से यहां लाकर उन्हें कलालघाटी पुलिस चौकी को सौंप दिया।

मजदूरों से मिली जानकारी के अनुसार, सभी मजदूर 20 अप्रैल को पौखाल क्षेत्र से कण्वाश्रम के रास्ते जशोधरपुर क्षेत्र में आए थे। तब से वे एक स्थानीय खननकारी के भंडारण केंद्र में कार्य कर रहे थे। बृहस्पतिवार दिन में करीब चार बजे वे नेपाल जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े।

कलालघाटी चौकी इंचार्ज संदीप शर्मा ने बताया कि मजदूरों के रहने और खाने की व्यवस्था की गई थी। साथ ही वे मजदूरी भी कर रहे थे, लेकिन इसके बावजूद मजदूर घर जाने के जिद पर अड़े हैं। छह मजदूरों को कालागढ़ थाना पुलिस ने पकड़कर वापस कलालघाटी छोड़ दिया है।

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