चाइल्डलाइन इंडिया हेल्पलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक 20 से 31 मार्च के बीच ‘चाइल्डलाइन 1098’ पर कुल 3.07 लाख कॉल्स आए। इनमें से 30 फीसदी यानी 92 हजार कॉल बच्चों के उत्पीड़न और हिंसा से जुड़ी थीं। कॉल करने वालों ने बच्चों को हिंसा और उत्पीड़न से सुरक्षा दिलाने की गुहार लगाई। चाइल्डलाइन इंडिया की उपनिदेशक हरलीन वालिया ने बताया कि यह रिपोर्ट चिंताजनक है। मंगलवार को जिलों की बाल बचाव इकाइयों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इस रिपोर्ट को शेयर किया गया। कॉन्फ्रेंस में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
Of the 3.07 lakh calls received by the ‘CHILDLINE 1098’ helpline for children in distress across India between March 20-31, 30% were about protection against #abuse and #violence on children, said deputy director of Childline India https://t.co/I69kUxxb1Xघरातील मुलांची काळजी घ्या
— Prasad Pashte (@PrasadPashte1) April 8, 2020
लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के खिलाफ भी हिंसा में 40 से 50 % की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। राष्ट्रीय महिला आयोग को मिलने वाली शिकायतें इस बीच बढ़कर दोगुनी हो गई हैं। हरलीन वालिया बताती हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को राष्ट्र को संबोधन दिया। अगले दिन से लॉकडाउन हो गया। इसके बाद से फोन कॉल 50% तक बढ़ गए। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने हाल ही में कहा था कि घरेलू हिंसा काफी चिंताजनक है। इसके लिए सामाजिक सुधार की जरूरत है।
वालिया ने बैठक में बताया कि बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य के संबंध में 11 फीसदी कॉल आईं। बाल श्रम के संबंध में आठ फीसदी, लापता और घर से भागे बच्चों के संबंध में आठ फीसदी और बेघर बच्चों के बारे में 5 फीसदी कॉल आईं। इसके अलावा हेल्पलाइन को 1,677 कॉल ऐसी मिलीं जिनमें कोरोना वायरस के संबंध में सवाल किए गए और 237 कॉल में बीमार लोगों के लिए सहायता मांगी गई।