लखनऊ में जब लगे ‘कुमार भैया ब्यूटीफुल’ के नारे तो विश्वास को याद आए मिर्जापुर 2 वाले पंकज त्रिपाठी, देखें वीडियो 

लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह की पांचवीं संध्या कुमार विश्वास की रचनाओं से सजी। भरत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृतियों को समर्पित इस शाम में गोमती से कविता शुरू कर कश्मीर की चिनार तक पहुंची। अपने प्रिय श्रोता छात्रों को मानने वाले कुमार ने उनके लिए कविता जवानी में कई ग़ज़लें अधूरी छूट जाती हैं… पढ़कर युवा दिलों की धड़कन पर दस्तक दी। इसके बाद माहौल को बदल कर ह्रदय सम्राट दिवंगत आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी को स्मरण किया। सुप्रसिद्ध कविता  गीत यही गाता हूं… सुनाकर अटल जी के व्यक्तित्व को बताया। वहीं फिर उन्होंने हार नहीं मानूंगा…, गीत  सुना कर युवाओं में जोश भर दिया। आखिर में उन्होंने   ऋषि की कश्यप की तपस्या ने तपाया है  तुझे, ऋषि अगस्त ने हम वार बनाया है तुझ, मेरे कश्मीर मेरी जान मेरे प्यारे चमन… कविता सुनाकर कश्मीर को मांगने वालों को खूब लताड़ा।

साहित्यिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संस्कृति मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी थे। पंकज प्रसून ने कुमार विश्वास के आने के पहले लोगों को साहित्यिक शाम में बांधे रखा। मशहूर शायर मजाज और इंदौरी के शेर की पैरोडी सुनाई, जिसमें कोरोना काल की स्थितियां बयां की। छात्रों ने प्रवेश की अनमुति न मिलने पर काफी हंगामा किया। हालांकि, उन्हें प्रवेश देकर कार्यक्रम को शुरू कराया गया। इससे सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की अवहेलना हुई। बाद में छात्रों ने कुमार भैया ब्यूटीफुल के नारे भी लगाए। इस पर कुमार विश्वास ने ट्वीट कर लिखा है कि मुझ जैसे सामान्य नाक-नक़्श वाले साँवले के लिए आज के कार्यक्रम में जब लखनऊ विश्वविद्यालय के युवाओं ने “कुमार भैया ब्यूटीफ़ुल” के नारे लगाए तो मुझे मिर्ज़ापुर वाले पंकज त्रिपाठी  बहुत याद आए

अपने राजनैतिक समय को याद किया

मुझे वो मारकर खुश है कि सारा राज उनपर है, यकीनन कल है मेरा आज बेशक आज उसका है, उसे जिद थी झुकाओ सर, तभी दस्तार बख्शूंगा मैं अपना सर बचा लाया, महल और ताज उसका है… इस कविता के साथ उन्होंने अपने राजनैतिक समय को याद किया। इसके अलावा उन्होंने अपनी कविता इस अधूरी जवानी का क्या फायदा, बिन कथानक कहानी का क्या फायदा… से राजनेताओं पर व्यंग्य किया।

 पीएम और सीएम को भी नहीं बख्शा

अपने व्यंग्य के लिए मशहूर कुमार विश्वास ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी व्यंग्य पड़े। रोमियो स्क्वाड को लेकर उन्होंने कहा हमारे प्रधानमंत्री है उनका एजेंडा है ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा, दूसरे हमारे मुख्यमंत्री है, उनका एजेंडा है ना की है, ना करने दूंगा।
कुमार को विश्वास बनाने में महिलाओं का हाथ

डॉ कुमार विश्वास ने बताया कि कुमार विश्वास को कवि तक पहुंचने के पीछे सिर्फ महिलाओं का हाथ है। पहली प्रेमिका, जिससे कविता की शुरुआत हुई। दूसरी पत्नी जिसने मुझे ब्रांड बनाया, तीसरी मेरी बेटियां, जिन्होंने मुझे समाज प्रेमी बनाया। उन्होंने कहा कि जिस देश की बेटियां मुस्कुराएंगी, अपने अधिकार के लिए आवाज़ उठाएगी, उस देश का भविष्य सुनहरा है। सोशल मीडिया के बारे में उन्होंने कहा कि आजकल ‘व्हाट्सऐप विश्वविद्यालय’ ग्रुप हैं। उन्होंने कोरोना से घृणा और पूजा तक देखे जाने जैसी स्थितियों पर टिप्पणी की।

खूब उड़ी सामाजिक दूरी की धज्जियां

मौसम बदलने के बाद कोरो ना के मामले तेज़ी से बढ़ रहे है। उसके बावजूद लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में गाइडलाइन कि धज्जियां उड़ाई जा रही है। हजारोवकी संख्या में छात्र सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर पाए और ना ही ऐसी कोई व्यवस्था थी कि  उसका पालन हो सके। परिसर में ना कहीं सैनिटाइजर की व्यवस्था थी और ना ही छात्रों को मास्क की चिंता थी। उल्लास की महफिल में इस महामारी का कोई डर नहीं दिखा

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