कोरोना संकट से जूझ पूरी दुनिया को वैक्सीन का इंतजार है. अगले कुछ महीनों में कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद की जा रही है. लेकिन इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वैक्सीन को लेकर चेतावनी जारी की है. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन कोई जादुई गोली नहीं होगी, जो पलक झपकते ही कोरोना वायरस को खत्म कर देगी. डब्लूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ने कहा कि अभी हमें लंबा रास्ता तय करना है इसलिए सबको साथ मिलकर प्रयास करने होंगे.

वैक्सीन पर राष्ट्रवाद अच्छा नहीं

एक दिन पहले डब्ल्यूएचओ ने वैक्सीन पर राष्ट्रवाद के खिलाफ चेतावनी दी थी. डब्ल्यूएचओ ने अमीर देशों को आगाह करते हुए कहा था कि यदि वे खुद के लोगों के उपचार में लगे रहते हैं और अगर गरीब देश बीमारी की जद में हैं तो वे सुरक्षित रहने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं.

डब्लूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस ने कहा था कि वैक्सीन पर राष्ट्रवाद अच्छा नहीं है, यह दुनिया की मदद नहीं करेगा. दुनिया के लिए तेजी से ठीक होने के लिए, इसे एक साथ ठीक होना होगा, क्योंकि यह एक वैश्वीकृत दुनिया है. अर्थव्यवस्थाएं आपस में जुड़ी हुई हैं. दुनिया के सिर्फ कुछ हिस्से या सिर्फ कुछ देश सुरक्षित या ठीक नहीं हो सकते.

12 अगस्त को रूस देगा पहली वैक्सीन को मंजूरी

रूस कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी देने वाला पहला देश बनने जा रहा है. रूस के उप स्वास्थ्य मंत्री ओलेग ग्रिडनेव ने कहा है कि 12 अगस्त को कोरोनो वायरस के खिलाफ बनायी गई पहली वैक्सीन को मंजूरी देगा. ये वैक्सीन मॉस्को स्थित गमलेया इंस्टीट्यूट और रूसी रक्षा मंत्रालय ने संयुक्त रूप से मिलकर बनाई है.

रूस सरकार का दावा है कि Gam-Covid-Vac Lyo नाम की ये वैक्सीन 12 अगस्त को रजिस्टर हो जाएगी, सितंबर में इसका मास-प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा और अक्टूबर से देशभर में टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा.

लेकिन दुनिया के वैज्ञानिकों को चिंता है कि कहीं अव्वल आने की यह दौड़ उलटी न साबित हो जाए. रूस के दावे को समर्थन देने के लिए अब तक कोई साइंटिफिक डेटा जारी नहीं हुआ है. इससे अब तक यह भी स्पष्ट नहीं हो सका है कि उसे इस प्रयास में सबसे आगे क्यों माना जाएगा.