Low subsidized rates has made Indian railways operations tougher. Indian is struggling with operation due to losses in revenues.

लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए लाखों मजदूरों को घर लाने का काम शुरू हो गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की इजाजत मिलने के बाद अलग-अलग सरकारें अपने राज्य के मजदूरों को वापस लाने में जुटी हैं. तेलंगाना के लिंगमपेल्ली में फंसे मजदूरों को लाने के लिए एक स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की गई, जो कि आज रात को झारखंड पहुंचेगी. इस ट्रेन में कुल 1200 मजदूर हैं.राज्य सरकारों की ओर से केंद्र से अपील की गई है कि मजदूरों को वापस लाने के लिए स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की जाए.

तेलंगाना से झारखंड के लिए चली इस ट्रेन में मजदूरों को लाया जा रहा है. शुक्रवार सुबह 5 बजे तेलंगाना के लिंगमपेल्ली से ये ट्रेन चली, जो आज रात को 11 बजे झारखंड के हतिया पहुंचेगी. इस ट्रेन में कुल 24 कोच हैं, ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि बड़ी संख्या में मजदूर वापस पहुंचेंगे. इस ट्रेन में कुल 1200 मजदूरों को वापस लाया जा रहा है. हर कोच में सिर्फ 56 मजदूरों को बैठने की इजाजत दी गई है.

यूं तो अभी मजदूरों के लिए ट्रेन चलाने का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन इस स्पेशल ट्रेन पर रेल मंत्रालय का कहना है कि राज्य सरकार की अपील पर इसे चलाया गया है. जिसमें सभी तरह के नियमों का पालन किया गया है. ये सिर्फ इकलौती ट्रेन थी, जिसे चलाया गया है. आगे अगर कोई ट्रेन चलती है तो राज्य सरकार और रेल मंत्रालय के निर्देश के बाद ही चलेगी.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मजदूरों की वापसी के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग को लेकर रेलमंत्री पीयूष गोयल से बात की थी. सीएम ने रेलमंत्री से कहा है कि राज्यों को विशेष ट्रेनों की जरूरत होगी ताकि दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों, प्रवासी मजदूरों को वापस लाया जा सके.

राज्य सरकार के अनुसार झारखंड के तकरीबन 9 लाख लोग दूसरे राज्यों में फंसे हैं, जिसमे से 6.43 लाख प्रवासी मजदूर हैं और बाकी लोग नौकरी व अन्य काम के वजह से हैं.

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन्स के मुताबिक, हर राज्य को बसों के जरिए अपने यहां के मजदूरों को वापस लाने का काम शुरू करना होगा. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारनटीन, सैनिटाइजेशन, स्क्रीनिंग समेत हर नियम का पालन करना जरूरी होगा.

केंद्र की गाइडलाइन के बाद बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड समेत कई राज्यों ने स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग की थी. क्योंकि मजदूर लाखों की संख्या में बाहर फंसे हैं, ऐसे में उन्हें बसों के जरिए लाना मुश्किल होगा.

बीते दिन दिल्ली, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश ने अपने राज्य के मजदूरों और छात्रों को वापस लाने का काम शुरू कर दिया है. कई जगह स्पेशल बसें भेजी जा रही हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपील की है कि मजदूर जहां हैं, वहां ही रुकें जल्दबाजी ना करें, राज्य सरकार की ओर से बसें वहां पर ही भेजी जाएंगी.

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