बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जो कार्य किए जा रहे हैं, उनके पूरा होने पर बिहार का हरित आवरण 17% से भी अधिक होगा। उन्होंने कहा कि जलवायु संकट से निपटने के लिए आज सबसे अहम चीज है लोगों में इसके प्रति जागृति। लोग जागरूक हुए हैं, पर इसके लिए निरंतर अभियान चलाते रहने की जरूरत है। मुख्यमंत्री विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर कोरोना: मानवता को प्रकृति का संदेश विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम का वेब टेलीकास्ट किया गया था।

सब्जी मंडियों में पॉलिथीन का धड़ल्ले से हो रहा इस्तेमाल
पॉलिथीन से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को देखते हुए सरकार ने 23 दिसंबर 2018 को पॉलिथीन के इस्तेमाल और बिक्री पर रोक लगाई थी। बावजूद इसके लॉकडाउन-5 में पॉलिथीन का धड़ल्ले से उपयोग किया किया जा रहा है। पॉलिथीन का ज्यादा इस्तेमाल शहर की सब्जी मंडियों में हो रहा, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। बता दें कि बिहार में वर्ष 2018 से ही पॉलिथीन पर प्रतिबंध है। इसकी बिक्री, उपयोग और ट्रांसपोर्टेशन पर भी पाबंदी है। पाबंदी के बाद कुछ दिनों तक इसका असर भी देखने को मिला, लोग कपड़े की थैली का इस्तेमाल करने लगे। लेकिन लॉकडाउन के बीच एक बार फिर पॉलिथीन का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है। जिम्मेदार अनजान बने हुए हैं।

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