एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के नजदीक के अपने अंदरूनी इलाकों से करीब 10 हजार सैनिक पीछे हटा लिए हैं। हालांकि अग्रिम इलाकों में तैनाती बरकरार है और इस सेक्टर के कई इलाकों में दोनों ओर के सैनिक आमने-सामने डटे हुए हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर और उसके आसपास के इलाकों के सामने के अपने पारंपरिक प्रशिक्षण क्षेत्रों से करीब 10 हजार सैनिकों को पीछे हटा लिया है।
हथियारों की तैनाती बरकरार
चीन के पारंपरिक प्रशिक्षण क्षेत्र एलएसी से 80 से 100 किमी दूर हैं। चीन ने इन सैनिकों को पिछले साल अप्रैल-मई से वहां बनाए रखा था। सूत्रों का कहना है कि चीन द्वारा भारतीय सीमा के नजदीक तैनात किए गए भारी हथियारों को क्षेत्र में बरकरार रखा गया है।
कड़ाके की सर्दी से बेहाल हुआ चीन
सूत्रों का कहना है कि अंदरूनी इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने की वजह कड़ाके की ठंड हो सकती है और इस बेहद सर्द क्षेत्र में बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात रखने में संभवत: उन्हें कठिनाई पेश आ रही होगी। यह कहना कठिन है कि फरवरी-मार्च में तापमान बढ़ने पर वे इन सैनिकों को वापस लाएंगे अथवा नहीं।
चीन का यह कदम असामान्य नहीं
जानकारों का कहना है कि सर्दी के मौसम में प्रशिक्षण क्षेत्रों से चीनी सेना द्वारा सैनिकों को पीछे हटाना असामान्य नहीं है। उनका कहना है कि भारत भी इसी तरह के कदम उठाता है और उच्च पर्वतीय क्षेत्र में प्रशिक्षण क्षेत्रों से सैनिकों को हटाता है।
50 हजार सैनिकों को किया था तैनात
अप्रैल-मई, 2020 में चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में भारतीय सीमा के सामने करीब 50 हजार सैनिकों को तैनात किया था। भारत ने भी तेजी से कार्रवाई करते हुए इतनी ही संख्या में अपने सैनिकों को तैनात कर दिया था। वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास के नाम पर चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्रों में अतिक्रमण करने की कोशिश की थी जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों में कई झड़पें भी हुईं थीं। यही वजह है कि भारतीय सेना उनकी गतिविधियों पर कड़ाई से नजर रखे हुए है।