पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय व चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध जारी है। इस बीच सरकार ने गुरुवार को कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत जारी है और याद दिलाया कि दोनों देशों ने सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक मीडिया ब्रीफिंग में रक्षा बलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारतीय सैनिक सीमा प्रबंधन के लिए बहुत जिम्मेदार रवैया अपनाते हैं और सीमावर्ती क्षेत्रों में उत्पन्न होने वाली किसी भी समस्या को हल करने के लिए चीन के साथ विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन करने वाली प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन करते हैं।

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उन्होंने कहा, “हमारे सशस्त्र बलों ने नेताओं के बीच बनी सहमति और सीमा प्रबंधन में उनके द्वारा दिए गए दिशानिर्देश का गंभीरता के साथ पालन किया है।” उन्होंने कहा कि भारत, चीन के साथ सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि 1993 के बाद से भारत और चीन ने सीमा क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने के लिए कई द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए हैं।

श्रीवास्तव ने याद किया कि दोनों देशों ने 1993 में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ शांति और स्थिरता के रखरखाव पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच 1996 में एलएसी के साथ सैन्य क्षेत्र में विश्वास निमार्ण उपायों पर समझौता; 2005 में एलएसी के साथ सैन्य क्षेत्र में विश्वास निर्माण उपायों के कार्यान्वयन के लिए तौर-तरीकों पर प्रोटोकॉल; 2012 में भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए एक कार्य प्रणाली की स्थापना पर समझौता और 2013 में सीमा रक्षा सहयोग समझौता भी हुआ है।

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उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर ऐसे तंत्र स्थापित किए हैं, जिनसे सीमावर्ती क्षेत्रों में बातचीत के माध्यम से शांति बहाल हो सकती है। उन्होंने कहा कि साथ ही भारत देश की संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने संकल्प को लेकर दृढ़ है।

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