कोरोना संकट और लॉकडाउन का असर अब रक्षा सौदों पर भी पड़ा है. रक्षा मंत्रालय की ओर से तीन सेनाओं से अपने आधुनिकीकरण के लिए किए जा रहे रक्षा सौदों को फिलहाल रोकने के लिए कहा गया है. मंत्रालय का कहना है कि कोविड-19 की वजह से बजट में कटौती को देखते हुए हमने यह फैसला लिया है.

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि सेना, नौसेना और वायु सेना से कहा है कि जब तक देश में कोविड-19 की स्थिति बनी रहती है, तब तक वे अपनी पूंजी अधिग्रहण प्रक्रियाओं (रक्षा डील) को रोक दें. तीन सेनाओं से सभी रक्षा सौदों पर रोक लगाने के लिए कहा गया है, जो विभिन्न चरणों में हैं.

तीन सेनाएं अपने आधुनिकीकरण के लिए कई रक्षा सौदों को कर रही हैं, जो कि विभिन्न चरणों में हैं. भारतीय वायु सेना फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान और रूस से एस -400 वायु रक्षा हथियार प्रणाली के लिए भुगतान करने की प्रक्रिया में है. जबकि, सेना भी अमेरिका और रूस सहित विभिन्न देशों से टैंक, आर्टिलरी गन और असॉल्ट राइफल भी ले रही है

वहीं, नौसेना ने हाल ही में अमेरिका से 24 मल्टीरोल हेलिकॉप्टरों के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. अब सभी रक्षा डील को रोक दिया गया है. इसका मतलब यह नहीं है कि डील को कैंसिल कर दिया गया है, बल्कि डील के आगे की प्रक्रिया को रोका गया है. स्थिति सामान्य होने के बाद डील को आगे बढ़ाया जा सकता है.

कोरोना संकट के कारण ही केंद्र सरकार ने सभी सांसदों की सैलरी को 30 फीसदी कम कर दिया था. इसके साथ ही सांसद निधि को दो साल तक के लिए रोक दिया गया है. केंद्र के साथ ही कई राज्य सरकारों ने भी आर्थिक चुनौतियों को देखते हुए कई सख्त फैसले लिए हैं.

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