कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की वापसी के लिए 1000 बसों पर सरकार और कांग्रेस के बीच सियासी घमासान दूसरे दिन भी जारी रहा। सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात से शुरू हुआ चिट्ठियों का दौर दिनभर चला, लेकिन बसें यूपी में प्रवेश नहीं कर पाईं। सरकार ने पहले बसें लखनऊ में और बाद में नोएडा और गाजियाबाद भेजने को कहा।

वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बसें यूपी की सीमा पर हैं, प्रशासन अंदर नहीं घुसने नहीं दे रहा है। दूसरी ओर, यूपी सरकार ने कहा कि कांग्रेस की सूची में ऑटो, एबुंलेंस, ट्रक और निजी कार के नंबर हैं। इस पर कांग्रेस ने मौके पर आकर बसें देखने की चुनौती दी। इन सब के बीच बेबस मजदूर या तो पैदल घर जाने को मजबूर हैं या मदद के लिए भटक रहे हैं।
दरअसल, 16 मई को प्रियंका ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मजदूरों की वापसी के लिए 1,000 बस देने की पेशकश की थी। 18 मई को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने प्रियंका के निजी सचिव को पत्र लिखकर बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट, चालक के ड्राइविंग लाइसेंस सहित परिचालक का ब्योरा मांगा। साथ ही सभी बसों को मंगलवार सुबह 10 बजे लखनऊ पहुंचाने को कहा। इसके बाद चिट्ठियों का सिलसिला शुरू हो गया।

बसें चलने दीजिए, भले भाजपा का बैनर लगा लें
सरकार की जांच में सही मिलीं हमारी 879 बसों को चलने दें, भले इन पर भाजपा का बैनर पोस्टर लगवा दें। प्रियंका गांधी वाड्रा, कांग्रेस महासचिव सीएम योगी आदित्यनाथ का टैग करते हुए ट्वीट किया।

प्रियंका के निजी सचिव संदीप सिंह ने अपर मुख्य सचिव गृह को लिखा पत्र
प्रियंका के निजी सचिव संदीप सिंह ने अपर मुख्य सचिव गृह को भेजे पत्र में कहा, मजदूर यूपी की सीमाओं पर हैं। खाली बसें लखनऊ भेजना संसाधनों की बर्बादी और अमानवीयता है। गाजियाबाद और नोएडा बॉर्डर से बसों को चलने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्ति करें।

अपर मुख्य सचिव गृह ने दिया जवाब
अपर मुख्य सचिव गृह ने लिखा, आप नोएडा व गाजियाबाद बॉर्डर पर बस देना चाहते हैं तो डीएम, गाजियाबाद को 500 बसें सुबह 12 बजे तक उपलब्ध करा दें। बाकी 500 बसें डीएम नोएडा को एक्सपो मार्ट के नजदीक मुहैया कराएं। जिलाधिकारी बसों का परमिट, फिटनेस, इंश्योरेंस, चालक के लाइसेंस और परिचालक का ब्योरा देखकर इसका इस्तेामल करेंगे।

प्रियंका के निजी सचिव ने फिर लिखा पत्र
प्रियंका के निजी सचिव ने लिखा, कुछ बसें राजस्थान से और कुछ दिल्ली से आ रही हैं। बसें गाजियाबाद और नोएडा बॉर्डर पर सायं पांच बजे पहुंच जाएंगी। तब तक आप यात्रियों की सूची और रूट मैप तैयार रखेंगे, ताकि इनके संचालन में आपत्ति न हो।

प्रियंका के निजी सचिव ने पत्र लिखकर कहा, हम लगभग तीन घंटे से बसें लेकर यूपी बॉर्डर पर ऊंचा नागला पर खड़े हैं, लेकिन आगरा प्रशासन अंदर नहीं घुसने नहीं दे रहा है। आप बसों को अनुमति पत्र भेजिए, ताकि हम आगे बढ़ सकें।

कांग्रेस की सूची में ऑटो और निजी कार भी
लखनऊ अपर पुलिस उपायुक्त यातायात के मुताबिक कांग्रेस ने 1049 वाहनों की सूची सौंपी है। इसमें 879 बस हैं। इसके अलावा 31 नंबर ऑटो और तिपहिया वाहनों के हैं। एक-एक एंबुलेंस और ट्रक, दो डीसीएम, एक मैजिक, 59 स्कूल बस, दो ऑटो, एक निजी कार तथा दो टाटा एस शामिल हैं। वहीं, यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने आरोप लगाया, बोफोर्स, टूजी, कोलगेट और राष्ट्रमंडल खेलों की तर्ज पर यह कांग्रेस का बस घोटाला है।

सीमा पर रोकी 500 बसें
राजस्थान से आ रही बसों को आगरा प्रशासन द्वारा सीमा पर रोक लिया गया। राजस्थान से पहली बस सुबह आठ बजे आई और 11 बजे तक  500 बसें हो गईं। बसों को लेकर राजस्थान के मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग और जुबेर खान पहुंचे थे। यहां पहुंचे यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आरोप लगाया कि प्रशासन बसों को जिले की सीमा में घुसने नहीं दे रहा। देर शाम लल्लू यहां धरने पर भी बैठ गए। वहीं, एसपी पश्चिम रवि कुमार ने कहा,बसों के पास नहीं हैं, इसलिए रोका गया है।

गाजियाबाद: नहीं पहुंची कांग्रेस की 500 बसें
गाजियाबाद से 500 बसें भेजने को लेकर दिनभर संशय रहा। कांग्रेसी नेता तय बस अड्डों पर डटे रहे लेकिन बसें नहीं पहुंचीं। बसों के लिए परिवहन विभाग ने कौशांबी और साहिबाबाद बस अड्डे को नियत किया था। दोपहर 12 बजे कांग्रेस जिलाध्यक्ष सहित दूसरे नेता बस अड्डों पर पहुंच गए। कांग्रेस नेताओं ने बताया, बसें आगरा-राजस्थान के नंगला बॉर्डर पर खड़ी हैं। बसों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। शाम तक बसें नहीं पहुंची तो कांग्रेसी लौट गए।

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