बिहार के दरभंगा जिले  के बिशनपुर थाना क्षेत्र की पंचोभ पंचायत के एक गांव में शुक्रवार की रात 37 वर्षीय युवक की मौत हो गयी। वह यहां अपनी ससुराल में था। वह सिंहवाड़ा उत्तरी पंचायत के एक गांव का निवासी था। युवक दो जून को दिल्ली से अपने गांव आया था। वह बुखार से पीडि़त था। कोरोना से मौत होने के संदेह में 21 घंटे से उसकी लाश घर में ही पड़ी रही। मुखिया की पहल पर गांव के कुछ युवक तैयार भी हुए, पर लखनऊ में रह रहे उसके माता-पिता ने शव को दफनाने से मना कर दिया।

ग्रामीणों ने बताया कि दिल्ली से लौटने के बाद युवक ने ग्रामीण चिकित्सकों से इलाज की फरियाद की लेकिन दिल्ली से आने की बात जानकर किसी ने उसका इलाज नहीं किया। सभी ने उसे डीएमसीएच जाने की सलाह दी। लेकिन उसकी पत्नी शुक्रवार को उसे लेकर सिंहवाड़ा से अपने मायके आ गयी। यहां भी किसी ने उसका इलाज नहीं किया। सभी ने उसे डीएमसीएच जाने की सलाह दी।

सूचना मिलने पर मुखिया राजीव चौधरी ने हनुमाननगर पीएचसी प्रभारी डॉ. रामप्रवेश चौधरी को सूचित किया। लेकिन एम्बुलेंस उप्लब्ध नहीं होने की बात कहकर उन्होंने मरीज का इलाज करने से हाथ खड़े कर लिये। इसके बाद मुखिया ने इसकी सूचना बीडीओ सुधीर कुमार को दी, लेकिन उन्होंने भी उसकी कोई सहायता नहीं की और अन्तत: इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई।

युवक अपने पीछे पत्नी के अलावा दो पुत्रों व एक पुत्री को छोड़ गया है। बड़ा लड़का छह साल का है। सूचना के बाद भी बीडीओ व थानाध्यक्ष मुकेश कुमार मंडल के मौके पर नहीं पहुंचने से लोगों में रोष है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here