बिहार सरकार ने भागलपुर में नल-जल योजना को 15 जून तक पूरा कराने को कहा है। लेकिन दो दर्जन से अधिक पंचायतों में एजेंसियां करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गई हैं। इसमें अधिकारियों की मिलीभगत की बात भी आ रही है। अब जिला प्रशासन ने संबंधित बीडीओ को एजेंसी से 10 जून तक काम कराने का टास्क सौंपा है। पूरा नहीं होने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जिले में 3120 वार्डों में नल जल का काम होना है। इसमें 1336 वार्डों में पंचायत स्तर से और 1784 वार्डों में पीएचईडी के माध्यम से होना है। पंचायतों को राशि देने के बावजूद चार साल में कार्य पूरा नहीं हुआ है। अब भी पांच सौ से अधिक वार्डों में काम होना है। नल-जल और गली-नाली योजना की धीमी गति के चलते डीएम को तत्कालीन जिला पंचायत राज पदाधिकारी राजेश कुमार को विरमित करना पड़ा।

संचालक की हो गई है मौत
बिहपुर प्रखंड के एक एजेंसी संचालक की मौत को गयी है। संबंधित एजेंसी का संचालक वार्ड से अग्रिम राशि ले चुका था। जिला प्रशासन ने बीडीओ को राशि की वसूली करने और पंचायत मद से कार्य पूरा कराने को कहा है।

पीरपैंती में सबसे अधिक घपला
पिछले दिनों पीरपैंती में कराई गई नल-जल योजना की जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया था। डीएम ने संबंधित एजेंसियों के विरुद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया था। बताया जा रहा है कि करोड़ों रुपये एजेंसियों के पास है। इनमें कई एजेंसियां झारखंड की भी हैं। अग्रिम राशि की न तो वसूली हो रही है और न काम पूरा हो रहा है।

दर्ज होगा केस: अधिकारी
प्रभारी जिला पंचायत राज पदाधिकारी डीआरडीए निदेशक प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया कि सभी बीडीओ को 10 जून तक काम पूरा करवाने को कहा गया है। काम नहीं होने पर संबंधित एजेंसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी।

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