कोरोना संकट के बीच दिल्ली में मेट्रो परिचालन शुरू करने से पहले अब उसका ट्रायल रन भी शुरू हो गया है। मेट्रो लाइन पर सुबह और शाम दोनों तरफ से मेट्रो ट्रेन चलाकर परिचालन का ट्रायल किया जा रहा है। सफर के दौरान मेट्रो में सामान्य तौर पर एसी चलेगा। वहीं संक्रमण से बचने के लिए स्टेशन परिसर में सुबह चार घंटे फुल मोड में एसी चलाया जाएगा। बाद में यह भी सामान्य स्पीड पर चलेगा।

जांच की जा रही : लॉकडाउन के बाद एक बार फिर चलने के लिए मेट्रो ने अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। मेट्रो के सभी कर्मचारी को ड्यूटी पर बुला लिया गया है। उन्हें नए परिस्थितियों में मेट्रो परिचालन के लिए तैयार किया जा रहा है। साथ ही ट्रेन का सुबह-शाम परिचालन कर सिग्नलिंग सिस्टम से लेकर ट्रैक तक की जांच की जा रही है, जिससे जब परिचालन शुरू हो तो उसमें किसी भी तरह की कोई खामी ना रहे। ट्रायल रन के दौरान इसका ध्यान रखा जा रहा है कि कहीं खराबी आती है तो उसे तुरंत ठीक किया जाए। लॉकडाउन में पिछले दो माह से मेट्रो पूरी तरह से बंद है।

मास्क के बिना प्रवेश पर रोक संभव: नए प्रस्ताव के प्रावधानों के मुताबिक, फेस मास्क पहने बिना मेट्रो या स्टेशन में प्रवेश करने पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सकती है। इतना ही नहीं, यात्रा के दौरान फेस मास्क उतारने पर भी यात्रियों पर जुर्माना लगाया जा सकता है। मेट्रो कर्मचारियों को चालान का अधिकार मिले, इसके लिए एक्ट में भी बदलाव किया जा सकता है।

टीवीएम मशीनों को किया जा रहा डिएक्टिवेट: 
मेट्रो स्टेशनों पर लगे टिकट वेंडिग मशीन को डिएक्टिवेट किया जा रहा है। मेट्रो में सिर्फ स्मार्ट कार्ड वाले यात्री ही सफर कर पाएंगे। कैशलेस व्यवस्था के तहत टोकन की बिक्री नहीं होगी। हालांकि स्मार्ट कार्ड रिचार्ज कराने की सुविधा होगी। मेट्रो में रोज 28 लाख से अधिक लोग सफर करते है। इसमें 70% कार्ड का ही प्रयोग करते हैं।

खास बातें
स्टेशन परिसर में सुबह 4.30 से 8.30 बजे तक फुल मोड में एसी चलाया जाएगा। ताकि संक्रमण से बचा जाए
लॉकडाउन में बीते 64 दिनों से मेट्रो का परिचालन बंद है।
7 मेट्रो लाइन हैं दिल्ली एनसीआर में
सबके लिए अनिवार्य है आरोग्य सेतु ऐप

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