बीते दो महीने से राजधानी दिल्ली और आसपास के हिस्सों में लगातार महसूस किए जा रहे भूकंप के झटकों से आम इंसान के साथ दिल्ली हाईकोर्ट भी चिंतित है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार और सभी नगर निगमों को निर्देश दिया है कि भूकंप से निपटने के लिए अपनी तैयारियों की योजना के बारे में तत्काल आधार पर हलफनामा दायर करें और यह बताएं कि इसे कैसे लागू किया जाए।

जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रजनीश भटनागर की बैंच ने दिल्ली सरकार, तीनों नगर निगम, छावनी बोर्ड, डीडीए और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद को बड़ा भूकंप आने की सूरत में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए या प्रस्तावित कदमों की जानकारी देते हुए हलफनामा दायर करने के लिए कहा है।

कोर्ट ने दिल्ली सरकार और नगर निकायों को एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 15 जून तक स्थगित कर दी। कोर्ट ने अधिकारियों से यह भी कहा कि अगर ऐसी कोई कार्य योजना है, तो लोगों को उससे अवगत कराया जाए। अदालत के विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा की जा रही है।

हाईकोर्ट ने वकील अर्पित भार्गव और डी.के. शर्मा की अर्जी पर यह आदेश दिया है। अर्जी में दावा किया गया है कि अधिकारी और दिल्ली सरकार ने कार्य योजना बनाने के अदालत के कई निर्देशों के बावजूद अबतक कुछ नहीं किया है। उन्होंने अपने आवेदन में, दिल्ली सरकार और नगर निकायों को समयबद्ध तरीके से कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।

याचिका में भार्गव ने कहा है कि दिल्ली में 12 अप्रैल के बाद से करीब 11 बार भूकंप आ चुका है। विशेषज्ञों के अनुसार, बड़ा भूकंप भी आ सकता है, इसलिए उन्होंने तत्काल निर्देश जारी करने के लिए अदालत का रुख किया है।

दिल्ली-एनसीआर दो माह में 14वीं बार कांपा

नई दिल्ली (प्रमुख संवाददाता) | दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सोमवार को दिन में एक बजे एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि, भूकंप की तीव्रता बेहद कम रही। जिसके चलते इसे ज्यादातर लोग अनुभव नहीं कर पाए। भूकंप का केन्द्र रोहतक में पर था। बता दें कि दिल्ली-एनसीआर दो महीने में 14वीं बार कांपा।

लगातार आ रहे झटके : दिल्ली-एनसीआर में लगातार भूकंप आ रहा है। इसमें से 29 मई को आने वाले भूकंप के झटके सबसे ज्यादा महसूस किए गए थे। इस भूकंप की तीव्रता 4.5 थी और इसका केन्द्र रोहतक में था। इस भूकंप के झटके को दिल्ली में भी बहुत सारे लोगों ने अनुभव किया और दहशत में लोग घरों से बाहर निकल आए थे। जबकि, 12 अप्रैल को 3.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इसका केन्द्र पूर्वी दिल्ली में ही था। बीते सप्ताह तीन जून को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप की तीव्रता 3.2 रही थी और फरीदाबाद में इसका केन्द्र मौजूद था।

2.1 तीव्रता का आया भूकंप

राष्ट्रीय भूकंप केन्द्र के मुताबिक रिएक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 2.1 रही। इसका केन्द्र हरियाणा के शहर रोहतक में जमीन के लगभग 18 किलोमीटर नीचे रहा। दिल्ली व आसपास के क्षेत्र में बीते दो महीने में यह चौदहवां मौका है जब भूगर्भीय हलचलों के चलते धरती कांपी है।

भूकंप की भविष्यवाणी मुश्किल

राष्ट्रीय भूकंप केन्द्र के वैज्ञानिक जे एल गौतम बताते हैं कि भूकंप की निश्चित भविष्यवाणी मुश्किल है। दिल्ली सिस्मिक जोन चार में है। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के नीचे अलग-अलग फाल्ट लाइन गुजरती हैं। इसके चलते यहां पर भूकंप का आना आश्चर्य की बात नहीं है। इसलिए ज्यादा जरूरी यह बात है कि लोगों को भूकंप के समय अपनाए जाने वाले बचाव के बारे में जागरूक किया जाए और इमारतों को इस तरह से बनाया जाए कि वे भूकंप के झटकों को झेल सकें।

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