दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। रोज मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली में जांच कम होने और बेहतर इलाज की सुविधा ना होने के अलावा प्राइवेट अस्पताल में महंगे इलाज से भी लोग परेशान है। इनसब के बीच दिल्ली में 15 जून से एक बार फिर लॉकडाउन लगने की अफवाह फैल गई है। इस कारण कई लोग यूपी और बिहार घर वापस लौटने लगे हैं। यमुना एक्सप्रेसवे पर तीन दिन में एकाएक बढ़े वाहनों की संख्या से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। पिछले तीन दिन में यमुना एक्सप्रेस वे से करीब 50 हजार से ज्यादा वाहन निकल चुके थे। उनके बीच दिल्ली में लगातार बढ़ते केसों को लेकर पुन: लॉकडाउन होने की संभावनाओं को लेकर चर्चाएं थीं।

विशेषज्ञों ने पूर्व में जून के आखिर और जुलाई में कोरोना का प्रकोप बढ़ने का अनुमान जताया था। अनलॉक के बाद कोरोना के लगातार केस बढ़ रहे हैं। इस बीच अफवाहों का दौर भी शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 व 17 जून को प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से वार्ता करेंगे। इसको लॉकडाउन से जोड़कर देखा जा रहा है। आशंकाएं जताई जा रही हैं कि 15 जून से दिल्ली का बार्डर सील किया जा सकता है। यमुना एक्सप्रेस वे पर इस अफवाह का असर देखा जा सकता है। पिछले तीन दिनों में यहां से 50 हजार से ज्यादा वाहन गुजर चुके हैं। इनमें 70 प्रतिशत वाहन दिल्ली की तरफ से आने वाले हैं।

यमुना एक्सप्रेस वे खंदौली टोल प्लाजा के प्रभारी तुलसी राम गुर्जर ने बताया कि लॉक डाउन में वाहनों की संख्या न के बराबर थी। अनलॉक में वाहनों की संख्या में इजाफा हुआ। मगर 11 जून से एकाएक वाहनों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। 11 जून को करीब 10 हजार, 12 जून को 20 हजार वाहन यमुना एक्सप्रेस वे के खंदौली टोल प्लाजा से गुजरे थे। जबकि 13 जून को रात करीब 10 बजे तक 18600 वाहन गुजर चुके थे। उनका कहना था कि टोल प्लाजा पर वाहनों की गणना सुबह 6 से अगले दिन सुबह के 6 बजे के 24 घंटों की होती है। ऐसे में 13 जून के वाहनों की गणना 14 जून सुबह 6 बजे तक गुजरे वाहनों को मिलाकर होगी। अनुमान है कि सुबह तक करीब 25 हजार वाहन एक्सप्रेस वे से गुजर चुके होंगे।

परिवार सहित कार से आ रहे अनुराग का कहना था कि दिल्ली में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। वहां इलाज भी बहुत महंगा है। दिल्ली में चर्चा है कि दोबारा लॉक डाउन हो सकता है। इसलिए परिवार को पैतृक आवास फिरोजाबाद छोड़ने आ रहे हैं। जबकि ललित शर्मा अकेले दिल्ली की तरफ से कार से आ रहे थे। उन्होंने बताया कि उनका मोबाइल रिपेयरिंग का काम है। चाइना से पार्टस आना बंद हो गए हैं। मोबाइल रिपेयरिंग महंगी हो गई है। इसलिए वह खुद दिल्ली मार्केट करने गए थे। उन्हें किसी ने यह बताया था कि दिल्ली में दोबारा लॉक डाउन होने वाला है। इसलिए आनन-फानन में दिल्ली गए। जो माल मिला लेकर लौट रहे हैं।
आवास विकास कालोनी निवासी राकेश शर्मा ने बताया कि दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं। पहले लॉक डाउन हुआ तो वहां फंस गए थे। अनलॉक में फैक्टरी तो शुरू हुई मगर सभी लोगों को अभी काम पर नहीं बुलाया गया है। इसलिए वापस लौटकर अपने घर आ रहे हैं। यहीं रहेंगे। फिलहाल हालात सामान्य नहीं होने तक दूसरा काम करेंगे। दिल्ली में जितना किराया देना पड़ रहा था उतने में आगरा में घर चल जाएगा।

यमुना एक्सप्रेस वे
दिन         वाहनों की संख्या

11 जून       13 हजार वाहन
12 जून       20 हजार वाहन
13 जून       18.6 हजार वाहन…..रात 10 बजे तक

ट्वीट के बाद ज्यादा घबराए लोग
दिल्ली से लौट रहे लोगों का कहना था कि पिछली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से वार्ता की थी। तब लॉकडाउन लागू किया गया था। इस बार भी वह दो दिनों में सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से वार्ता करेंगे। यह वार्ता कोरोना पर होगी। माना जा रहा है कि जिन प्रदेशों में केस कम है वहां अनलॉक बरकरार रहेगा। जहां केस बढ़ रहे हैं वहां सख्ती फिर से बढ़ाई जा सकती है। लोग खुद ही यह अनुमान लगा रहे हैं।

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