दिल्ली-एनसीआर में कई बार कंपन के बाद आज गुजरात में धरती हिली है। रात 8.13 मिनट पर 5.8 तीव्रता का भूंकप आया है। भूकंप का केंद्र राजकोट से 122 किलोमीटर उत्तर-उत्तर पश्चिम में बताया गया है। अभी तक किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

धरती हिलते ही लोग घरों के बाहर निकले। लोगों ने बताया कि झटके काफी तेज थे और कई सेकंड तक वह इसे महसूस करते रहे। हालांकि, अभी तक भूकंप की वजह से कहीं से किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।

गुजरात में भूकंप से लोगों के 2001 के जख्म हरे हो जाते हैं, जब 26 जनवरी के दिन सुबह आए भूकंप ने हजारों लोगों की जान ले ली थी और ना जाने कितने लोगों लोग बेघर हो गए थे। उस दिन भूकंप का केंद्र कच्छ में था और तीव्रता 6.9 थी।

दिल्ली-एनसीआर समेत समूचे उत्तर भारत में बीते एक-डेढ़ महीनों के दौरान एक दर्जन से अधिक छोटे भूकंप आए हैं। कोरोना संकट के बीच जब अधिकतर लोग घरों में थे तो बार-बार भूकंप के झटकों ने चिताएं बढ़ाईं लेकिन भूकंप विशेषज्ञों का मानना है कि छोटे भूकंप से ज्यादा खतरा नहीं है बल्कि ये बड़े भूकंप के खतरे को कम कर सकते हैं।

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