गुजरात में राज्यसभा चुनाव से पहले अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए कांग्रेस ने अपने विधायकों को रिसॉर्ट में शिफ्ट कर दिया है। पार्टी ने विधायकों को अलग-अलग समूह में अलग-अलग रिसॉर्ट में रखा है। इन विधायकों पर नज़र रखने की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेताओं को सौंपी गई है।

19 जून को राज्यसभा के लिए मतदान
गुजरात में राज्यसभा की चार सीटों के लिए 19 जून को मतदान होना है। चुनाव से ठीक पहले पार्टी के तीन विधायकों ने सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इससे कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गईं। पार्टी को डर है कि भाजपा के दबाव में कुछ और विधायक टूट सकते हैं, इसलिए पार्टी ने अपने विधायकों को रिसॉर्ट में शिफ्ट कर दिया है।

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। 2017 के राज्यसभा चुनाव में भी पार्टी को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा था। उस वक़्त कांग्रेस के 13 विधायकों ने सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसलिए पार्टी को बाकी विधायकों को रिसॉर्ट में शिफ्ट करना पड़ा था। हालांकि, बाद में भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में जीत दर्ज करने में सफल रही थी।

क्या है राज्यसभा चुनाव का समीकरण?
दरअसल, 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में इस वक्त भाजपा के पास 103 और कांग्रेस के पास 65 विधायक हैं। पहले कांग्रेस के पास आठ और विधायक थे, मगर लॉकडाउन से पहले पांच ने इस्तीफा दिया था और हाल में कुछ दिनों के भीतर तीन और विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस के पास अब 65 विधायक रह गए हैं। राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 35 वोट की जरूरत है। अगर कांग्रेस के आठ विधायक इस्तीफा न देते तो पार्टी दो सीटें जीतने में सफल हो सकती थी। लेकिन अब सिर्फ एक ही सीट जीतने की स्थिति में है।

इसी तरह बीजेपी की बात करें तो उसे तीन सीटें जीतने के लिए कुल 106 वोट चाहिए। बीजेपी के पास 103 विधायक हैं। बीजेपी को सिर्फ तीन वोटों की दरकार है। पाटीर् को यह वोट दो तरह से मिल सकते हैं। भाजपा, भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो और एनसीपी के एक विधायकों को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है। हालांकि अब तक इन विधायकों का समर्थन कांग्रेस को मिलता रहा है मगर माना जा रहा है कि बदली परिस्थितियों में पलड़ा मजबूत देखकर ये विधायक बीजेपी के साथ खड़े हो सकते हैं। इसके अलावा कांग्रेस में आंतरिक कलह के कारण क्रास वोटिंग भी हो सकती है। बीजेपी को पूरा भरोसा है कि वह तीन अतिरिक्त वोटों की व्यवस्था कर तीनों सीट जीतने में सफल होगी।

कांग्रेस में क्यों मची है लड़ाई?
कांग्रेस ने शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी को राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित किया है। कांग्रेस की पहली पसंद शक्ति सिंह गोहिल हैं। जिसे प्रथम वरीयता का वोट मिलेगा, वही सीट पर जीतेगा। ऐसे में चौथी सीट की लड़ाई कांग्रेस के दोनों प्रत्याशियों शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी के बीच नजर आ रही है। दोनों नेता अपने समर्थक विधायकों को लामबंद कर रहे हैं। अगर पाटीर् की पसंद के हिसाब से शक्ति सिंह गोहिल को प्रथम वरीयता का वोट मिला तो फिर भरत सिंह सोलंकी की हार होगी। ऐसे में भरत सिंह सोलंकी अपने समर्थक विधायकों का प्रथम वरीयता का वोट हासिल करने के लिए उन्हें रिसॉर्ट में एकत्र किए हैं। कांग्रेस के अंदरखाने मची इस कलह का बीजेपी भरपूर फायदा उठाना चाहती है। भाजपा ने अभय भारद्वाज, रमीला बारा को वहीं नरहरि अमीन को तीसरे उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा चुनाव में उतारा है।

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