सभी पार्टी के नेता अपने स्वागत और अपने ढोल बजाने में है व्यस्त
अनूप मुखी बर्मामाइंस हरिजन बस्ती के निवासी जो स्वास्थ्य से काफी परेशान पत्नी का रो-रोकर हुआ हाल बेहाल पर इसकी सुध लेने वाला कोई सामने नहीं आया।

हमें रो-रोकर फोन की बताई भैया एमजीएम हम गए थे 10 किस्म का टेस्ट लिख दिया जिसका खर्च ₹40000 आता है हम सक्षम है बहुत गरीब है हम भैया मेरे पति को बचा लीजिए हमने तुरंत एमजीएम पहुंचा और उसकी पूरी इलाज की जिम्मेदारी इमानदारी से लेते हुए इलाज चालू कराई।

एमजीएम की स्थिति बद से बदतर होते जा रही है गरीब का सुनने वाला कोई नहीं और टेस्ट जो भी डॉक्टर लिखते हैं उन्हें बाहर से डॉक्टर कहते हैं कराना पड़ेगा और उस लैब से डॉक्टर का कमीशन निर्धारित रहता है तो स्वास्थ्य मंत्री बताएं कि जनता जाए तो जाए कहां ‌।

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