एमटीपी किट के अवैध कारोबार का पर्दाफाश
जयपुर। गर्भपात में काम ली जाने वाली एमटीपी किट के अवैध कारोबार का पर्दाफाश हुआ है। गौरतलब है कि ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा ने बताया कि जयपुर की खुंटेटा रेमेडीज अगस्त 2018 से सितम्बर 2020 तक एक्मे फाॅरमोल्युएशन द्वारा निर्मित व पीएसआई इंडिया कंपनी की मार्केटेड की दवाएं बेची जा रही थीं। जयपुर सहित दौसा, अलवर में इन दवाओं की काफी बिक्री हुई। बिल भी सही नहीं थे।

दरअसल औषधि नियंत्रक टीम ने जयपुर और दौसा में कार्रवाई करते हुए करीब 2.25 लाख एमटीपी किट जब्त की हैं। इनकी कुल कीमत करीब 8.75 करोड़ रुपए है। जयपुर में खुंटेटा रेमडीज और दौसा में गोयल मेडिकल एजेंसी पर कार्रवाई की गई है। सामने आया है कि इन दोनों जगहों पर पिछले दो साल से यह अवैध कारोबार चल रहा था। तो वहीं गाेयल मेडिकल एजेंसी, दौसा के पास दो लाख 10 हजार किट के कोई वैध क्रय बिल नहीं थे। 78336 किट के ही बेचान बिल थे, लेकिन ये भी कूटरचित थे। यानि कि इनमें भी गड़बड़ी की गई। विजय मेडिकल स्टोर, चम्पापुर, कालवाड़, तिलक मेडिकोज जयपुर को 22236 किट बेच बेचने के बिल बताए गए लेकिन जांच में सामने आया कि विजय मेडिकल स्टोर पर तो एक भी किट नहीं गई। बतादें कि एमपीटी किट 150 रुपए में आती है। मगर इसे बेचने के लिए प्रिस्क्रिप्शन जरूरी है। पर धड़ल्ले से इसकी अवैध बिक्री होती है। एक किट के 800 रु. तक लिए जाते हैं। इसके साइड इफेक्ट बहुत हैं। लड़कियों में रक्तस्राव से जान जोखिम में पड़ सकती है। वहीं तिलक मेडिकोज पर केवल केवल 20 किट ही मंगाई गई थी। इसके अलावा श्रीराम मेडिकल स्टोर, अलवर के नाम से जो बिल काटे गए, वह स्टोर तो अलवर में है ही नहीं। गोयल मेडिकल एजेंसी के मालिक धीरज अग्रवाल के पास 131700 किट का तो कोई हिसाब ही नहीं था। इसी तरह खुटेटा रेमेडिज की ओर से बजाज फार्मा, दौसा को 14400 किट बेचने की बात कही गई लेकिन जांच में सामने आया कि इस फर्म को तो कभी ड्रग विभाग की ओर से लाइसेंस ही जारी नहीं किया गया।

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