लॉकडाउन के दौरान गुजरात में फंसे 190 बुंदेलखंड के मजदूर व कामगार बुधवार की सुबह श्रमिक एक्सप्रेस से झांसी आए।

इसमें 35 बच्चे भी शामिल थे। इसमें अधिकांश झांसी और जालौन जिले के रहने वाले थे। यह पहली श्रमिक एक्सप्रेस थी, जिसको रास्ते में झांसी, कानपुर और प्रयागराज स्टेशनों पर ठहराव दिया गया। बाद में उक्त लोगों को बसों से उनके घर तक पहुंचाने का काम किया गया।

लॉकडाउन के लगातार बढ़ने के कारण हजारों लोग अभी भी अपने घर से दूसरे शहरों में फंसे हैं। इन लोगों की बढ़ती परेशानी को देखते हुए राज्य सरकारों की आपसी सहमति के बाद एक मई से श्रमिक ट्रेनों का लगातार संचालन किया जा रहा है। सोमवार को गुजरात के भावनगर से वाराणसी के बीच श्रमिक एक्सप्रेस का संचालन किया गया। यह पहली श्रमिक एक्सप्रेस थी, जिसको रास्ते में झांसी, कानपुर और प्रयागराज स्टेशनों पर ठहराव दिया गया।

यह ट्रेन झांसी रेलवे स्टेशन पर सुबह 10.20 बजे प्लेटफार्म एक पर आई।

कड़ी सुरक्षा के बीच इस ट्रेन से 165 मजदूर व कामगार व उनके 35 बच्चे शामिल थे। मुख्य द्वार पर यात्रियों की थर्मल सक्रीनिंग की गई। वेज बिरयानी का पैकेट व एक पानी की बोतल दी गई। बाद में उक्त लोगों को बसों से उनके घर तक पहुंचाने का काम किया गया। मेडिकल, आरपीएफ, जीआरपी, आरक्षण व टिकट चेकिंग स्टाफ मौजूद रहा। ट्रेन पौन घंटे तक प्लेटफार्म पर खड़ी रही।

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