राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने औरैया में हुई दुर्घटना के बाद मारे गए प्रवासी श्रमिकों के शवों और घायलों को एक साथ एक ही वाहन में ले जाने पर प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है। आयोग ने यह नोटिस खबरों का स्वतः संज्ञान लेते हुए दिया है। मुख्य सचिव से चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।

औरैया में 16 मई को दुर्घटना के बाद शवों और घायलों को एक ही वाहन में ले जाया गया था। इस दुर्घटना में 26 श्रमिकों की मौत हो गई थी जबकि 30 घायल हुए थे। दुर्घटना पंजाब से आ रहे वाहन की राजस्थान से आ रहे एक अन्य वाहन से टक्कर के कारण हुई थी। इस पर आयोग ने संज्ञान लेते हुए कहा है कि यह अमानवीय कृत्य था। आयोग ने कहा ऐसे में जबकि श्रमिक घायल थे, उन्हें शारीरिक कष्ट था लेकिन शवों के साथ वाहन में बैठाने पर उन्हें मानसिक यातना भी हुई।

औरैया का पुलिस प्रशासन हालात से संजीदगी से निपटने में न केवल नाकाम साबित हुआ बल्कि उसने गरीब श्रमिकों के जीवन जीने के अधिकारों का भी हनन किया। बाद में जब शवों और घायलों को एक साथ ले जाने की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरस हुई तो औरैया प्रशासन ने शवों को एंबुलेंस से भेजा।

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