मुरादाबाद शहर से करीब बारह किलोमीटर दूर काशीपुर मार्ग पर स्थित हमीरपुर गांव निवासी 25 वर्षीय  दिव्यांग सलमान ने कोरोना काल में झटका खाया, पर आपदा को ही अवसर बना लिया।
वे अपने दिव्यांग साथियों और जरूरतमंद लोगों का सहारा बने हैं। सलमान ने हाथ से मास्क बनाकर घर-घर पहुंचाए। साथ ही जरूरतमंदों को राशन भी उपलब्ध करा रहे हैं। हमीपुर गांव निवासी हुस्नजहां के बेटे सलमान दोनों पैरों से दिव्यांग हैं।
सलमान ने बीए तक पढ़ाई की और सरकारी नौकरी का प्रयास किया, सफलता नहीं मिल पाई, लेकिन हार नहीं मानी। अपनी कमजोरी को ताकत बनाकर दिसंबर 2019 में  अपना रोजगार खड़ा करने के साथ ही अपने जैसे दिव्यांग युवकों को नौकरी देने की ठान ली।

गांव में पांच लाख रूपये लगाकर टारगेट नाम से कंपनी खोली। जिसमें चप्पल और डिटर्जेंट बनाने का काम शुरू किया गया। 30 दिव्यांग युवकों को रोजगार दिया। मेहनत रंग लाने लगी, मगर कुछ माह बाद ही लॉकडाउन लग गया। फैक्टरी बंद हो गई।

सलमान ने बताया कि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। जो जमापूंजी जुटाई उससे जरूरतमंदों को राशन और घरेलू सामग्री पहुंचाना शुरू कर दिया। खुद मास्क बनाकर लोगों को बांटे हैं। अब फिर से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए काम शुरू कर दिया गया है। इससे फिर नई राह खुल गई है। साथी भी खुश हैं।

मन की बात कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी भी समलान के हौसले और हिम्मत की तारीफ कर चुके हैं। तब सलमान और उसके गांव का नाम राष्टीय स्तर पर चर्चा में आया था। पीएम ने सलमान के संघर्ष और सफलता का जिक्र किया था। सलमान ने बताया कि दस अगस्त को उनकी शादी की तारीख तय हुई है। जिसकी तैयारियों में परिवार जुट गया है।

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