आरोग्य सेतु एप की आड़ में निबंधन कर्मियों की जमकर चांदी कट रही है। आरोग्य सेतु एप की वजह से तहसीलों में रजिस्ट्री कराने आ रहे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों के पास अभी भी स्मार्ट फोन नहीं हैं। इसका फायदा कर्मचारी उठा रहे हैं और साठगांठ कर बैनामा करा देते हैं।

जिले की छह तहसील सदर, बाह, फतेहाबाद, किरावली, खेरागढ़ व एत्मादपुर में रजिस्ट्री की प्रक्रिया तहसीलों में स्थिति निबंधन कार्यालयों में चल रही है। कोरोना से बचाव को लेकर सरकार ने जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया कि मोबाइल पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड होना चाहिए। इसके बिना कोई भी बैनामा नहीं होगा। रजिस्ट्री में भी इसका उल्लेख किया जा रहा है। देखने में आया है कि बैनामा कराने वालों में ज्यादातर संख्या ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों की है। ऐसे तमाम लोग हैं, जिनके पास अभी तक स्मार्ट फोन नहीं है। ऐसे में दस्तावेज तैयार करते समय किसका मोबाइल नंबर लिखा जा रहा है, जिसमें एप डाउनलोड का उल्लेख किया जाता है। बैनामा के दौरान कर्मचारी जब इस मामले को पकड़ लेते हैं तो सेटिंग के तहत बैनामा हो जाता है।

रिकॉर्ड बैनामे हो रहे तो नहीं हो पाती जांच :

इस समय रिकॉर्ड बैनामा हो रहे हैं, इस कारण दस्तावेजों की ज्यादा जांच भी नहीं हो पाती है। कई मामले आगरा मंडल की तहसीलों में सामने आए हैं। जिनकी शिकायत होने पर अधिकारी ऐसे विलेखों की गोपनीय जांच भी करा सकते हैं। वहीं सदर तहसील बार एसोसिएशन के महासचिव लालबहादुर राजपूत का कहना है कि आरोग्य सेतु एप का संचित रूप से पालन होना चाहिए। अगर कोई गलत नंबर अकित करता है तो यह गलत होगा। शिकायत पर कार्रवाई होनी चाहिए।

एमके सक्सेना उपमहानिरीक्षक निबंधन आगरा मंडल कहते हैं कि वकील और दस्तावेज लेखक यह सुनिश्चित करें कि जो भी पक्षकार, गवाह आ रहे हैं उनके मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड है। अगर नहीं हैं तो उस दस्तावेज को तैयार नहीं कराएं। मामले पकड़ में आने एवं शिकायत पर जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

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