उत्तर प्रदेश के कानपुर में बिल्हौर तहसील मुख्यालय के आसपास सदी की सबसे भयंकर और प्रलयंकारी ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ। इलाके का शायद ही ऐसा कोई गांव, नगर-मोहल्ला हो जहां 20 मिनट तक एक-एक किलो वजन के ओले गिरने से लोगों को चीखने चिल्लाने पर मजबूर न कर दिया हो।

कई स्थानों पर दीवारें, पानी की टंकियां, बाइक-कार व अन्य वाहन, सोलर प्लेट, टिनशेड, पाइप लाइन, बिजली तार-खंभे, ट्रांसफार्मर, घरों के बाहर बंधे मवेशियों, पशुवाड़ा, चाहरदीवार टूटने और तबाह होने से भारी नुकसान हुआ है। पेड़ गिरने से एक युवक की मौत हो गई। कई गांवों में मवेशी, मुर्गियां, पक्षी और घरेलू पशुओं के मरने-चुटहिल होने की सूचना है।

देवहा, बेदीपुर, सांभी, बंभियापुर, बरौली, राढ़ा, रसूलपुर, कटहा सहित कई गांवों में चरवाहों, किसानों और राहगीरों के लहूलुहान होने की सूचना देर रात तक जारी रही। शनिवार दोपहर तीन बजे के करीब तेज हवाएं और बूंदाबादी होने लगी, जब तक लोग कुछ समझ पाते तब तक हवाओं ने तूफान का रुख अख्तियार कर लिया और ओले गिरने लगे।

कुछ ही देर में करीब एक-एक किलो वजन के पत्थर वाले ओले बरसने लगे। छप्परों, टिनशेड, पेड़ों के नीचे शरण लिए लोगों में चीख पुकार मच गई। खुले में खड़ी गाडियों के शीशे टूट गए। बंभियापुर गांव में आंधी-तूफान में भारी भरकम पेड़ गिरने से बृजेंद्र कुमार (37) की मौत हो गई। औरंगपुर सांभी गांव स्थित राजकीय आईटीआई की चाहरदीवारी गिरने से 25 बकरियां मर गईं और दो भैंसें घायल हो गईं।

दनियापुर गांव में समीर कटियार के मुर्गी फार्म की 500 मुर्गी बच्चा मर गए। ओलों की मार से टिनशेड छलनी हो गया। विषधन में पेड़ गिरने से बलराम का दुधारू मवेशी मर गया और गुड्डन का मुर्गी फार्म जमींदोज हो गया। जीटी रोड जाम हो गई। रेलवे ओएचई भी टूट गई। एसडीएम विद्युत आरएस वर्मा ने बताया कि कई गांवों में पांच सैकड़ा से अधिक खंभों के साथ ही बिल्हौर बिजली घर आने वाले मुख्य लाइन के 9 खंभे टूट गए हैं। औरंगपुर सांभी के विद्युत रिले केंद्र के ओवरहेड बिजली लाइन के खंभों के भी क्षतिग्रस्त होने से आपूर्ति बाधित है।

भारी ओलावृष्टि से चल-अचल संपत्ति और फसलों को बहुत नुकसान हुआ है। एक युवक और कई पशुओं की मौत हुई है। कई इलाकों में घर भी गिरे हैं। सभी राजस्व कर्मियों को अलर्ट जारी किया गया है, अन्य विभागों से भी सहयता ली जा रही है। राहत टीमें जल्द से जल्द पीड़ितों तक पहुंचने का प्रयास कर रहीं हैं।

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