कोरोना संकट से आई बेरोजगारी दूर करने के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं में प्रदेश सरकार ने राज्य के अनुसूचित जाति के गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले बेरोजगारों को टेलरिंग शाप खुलवाने के लिए एक नई योजना शुरू की है। पं.दीनदयाल उपाध्याय स्व.रोजगार योजना में तय लक्ष्य का 10 प्रतिशत यानि कुल 10 हजार लोगों को लाभ मिलेगा। योजना की अधिकतम लागत 20 हजार रुपये है जिसमें से 10 हजार रुपये का अनुदान और बाकी की धनराशि ब्याज मुक्त ऋण के रूप में केंद्रीय सहायता से दी जाएगी।

समाज कल्याण विभाग के अधीन संचालित अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम लि. इस योजना का संचालन करेगा। निगम के चेयरमैन डा. लालजी प्रसाद निर्मल ने बताया कि इसका लाभ लेने की पात्रता की शर्त यह है कि आवेदन अनुसूचित जाति का हो, गरीबी की रेखा के नीचे निवास करता हो। ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 48080 रुपये की वार्षिक आमदनी से ज्यादा न हो और शहरी क्षेत्र में अधिकतम 56460 वार्षिक आय सीमा हो। उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी हो। किसी भी अन्य संस्था या निगम से पूर्व में किसी भी योजना में ऋण या अनुदान प्राप्त न किया हो और किसी भी योजना में प्राप्त ऋण का डिफाल्टर न हो। जाति, आय और निवास प्रमाण-पत्र की प्रमाणित प्रति आवेदन के प्रारूप के साथ संलग्न की जाए।

उन्होंने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा पारिवारिक लाभ योजना के तहत लाभ प्राप्त करने वाली महिलाओं को वरीयता दी जाएगी। आजीविका मिशन के जरिये संचालित स्वयं सहायता समूहों में से पात्र एससी महिलाओं और कौशल विकास मिशन द्वारा सिलाई कढ़ाई ट्रेड में प्रशिक्षित व्यक्तियों को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन पत्र का प्रारूप और अन्य जानकारी शहरी क्षेत्र में जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) और ग्रामीण क्षेत्र में विकास खंड कार्यालय पर सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण से मिल सकती है।

लाभार्थी का चयन जिला स्तर पर पूर्व से संचालित पं.दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना के तहत गठित समिति के जरिये किया जाएगा। लाभार्थी को ऋण वितरण की तारीख से एक महीने के बाद ब्याजमुक्त ऋण की वसूली 36 समान मासिक किस्तों में की जाएगी।

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