कोरोना के दौर में उत्तर प्रदेश लौटे सभी लोगों को अब यहीं पर रोजगार मिलेगा। नोएडा में ही लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए पूरे प्रदेश में सर्वे होगा। किस प्रतिभा की कितनी मांग और किस की यहां पर कितनी संभावना है, इसके लिए डेटा बैंक तैयार किया जा रहा है।

इसको लेकर शासन के प्रमुख सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल के साथ बुधवार को नोएडा के उद्यमियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई जिसमें नोएडा के अलावा मेरठ, लखनऊ और बनारस के भी कुछ उद्यमी और औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारी शामिल थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल रहे आईआईए के अध्यक्ष कुलमणि गुप्ता ने कहा कि इन दिनों सरकार गांव-गांव में स्किल मैपिंग का काम कर रही है। अब आईआईए के सभी 80 चैप्टर द्वारा भी अपने यहां पर रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है कि उनके यहां पर किस तरह के कामगारों और विशेषज्ञों की आवश्यकता है और अगले छह माह में वह कितने लोगों को अपने यहां पर रोजगार उपलब्ध करा सकते हैं। इसमें प्रदेश सरकार को सबसे अधिक उम्मीद नोएडा से ही और यहीं पर बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है। हालांकि, यह सर्वे लगभग सभी जिलों में होगा।

ढाई लाख श्रमिकों को बिल्डर रोजगार देने को तैयार : नरेडको के अध्यक्ष और सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आर.के अरोड़ा ने प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश में ढाई लाख मजदूरों को काम देने के लिए बिल्डर तैयार हैं। हालांकि, वर्तमान समय में बिल्डर संकट के दौर से गुजर रहे हैं।

नए उद्योग भी स्थापित होंगे

गौतमबुद्ध नगर बड़ा औद्योगिक हब है और इसका लगातार विस्तार हो रहा है। प्रदेश में सबसे ज्यादा औद्योगिक निवेश यहीं पर हो रहा है और अधिकांश बड़ी कंपनी यहीं पर आ रही हैं। जेवर एयरपोर्ट, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और डिफेंस कॉरिडोर के चलते यहां पर नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने की संभावना है।

निवेश बढ़ाने की कोशिश

प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है कि अन्य देशों या राज्यों में स्थापित उद्योगों को यहां पर लाया जा सके। नए उद्योग यहां पर स्थापित हों, जिसमें बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिले। मोबाइल इंडस्ट्री का तो यह देश का सबसे बड़ा हब है। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक, ऑटो मोबाइल, रेडिमेड गारमेंटस का भी यह देश का सबसेबड़ा औद्योगिक हब बने।

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