गोंडा की अनामिका शुक्ला की तर्ज पर  यूपी में एक और मामला सामने आया है। यहां की प्रीति यादव के प्रमाण पत्र पर जौनपुर और आजमगढ़ के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में फर्जी शिक्षिकाएं काम कर रही थी वही असली प्रीति यादव अब भी बेरोजगार है। इससे पहले मैनपुरी में दीप्ती सिंह के नाम पर भी नौकरी करने का खुलासा हो चुका है।

जानकारी के मुताबिक  प्रेरणा पोर्टल और दीक्षा एप पर अपलोड किए गए डाटा के परीक्षण में प्रीति यादव के नाम पर दो जगहों पर नौकरी करने का यह मामला सामने आया। दोनों शिक्षिकाओं ने एक ही आधार नंबर अपलोड किया है। दोनों जिलों में जांच की गई तो प्रमाण पत्र एक ही निकले। एक फर्जी शिक्षिका केजीबीवी मुफ्तीगंज जौनपुर में पूर्णकालिक शिक्षिका और दूसरी केजीबीवी पवई, आजमगढ़ में वार्डन के पद पर तैनात थी। दोनों के पते अलग-अलग थे।

जौनपुर व आज़मगढ़ के बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने मूल शैक्षिक, निवास व पहचान प्रमाण पत्र से मिलान किया तो सामने आया कि उन्होंने फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी हासिल की है । दोनों ही जगहों पर एफ आई आर दर्ज कराने के निर्देश दे दिए गए हैं वही जौनपुर के बीएसए ने मूल प्रमाणपत्रों वाली प्रीति यादव को ढूंढ निकाला। सिकरारा की रहने वाली प्रीति फिलहाल कहीं नौकरी नहीं करती है। वहीं आज़मगढ़ में फर्जी शिक्षिका 9 जून को स्कूल पहुंची। लेकिन प्रमाणपत्रों की जांच के नाम पर भाग निकली। दोनों जगह पर एफआईआर के साथ वेतन की रिकवरी की जाएगी। केजीबीवी में अनामिका शुक्ला प्रकरण की जांच एसटीएफ कर रही है। विभागीय जांच में अनामिका के 9 जगह भर्ती और 6 जगह नौकरी करने की बात सामने आई है।

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