इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार दो दिन मनाया जाएगा। ऐसा तिथि और नक्षत्र में अंतर के कारण होगा। इस बार नंदगांव में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 11 अगस्त और श्री कृष्ण जन्मभूमि, ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर, द्वारिकाधीश मंदिर में 12 अगस्त को कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के लिए ब्रज में तैयारी शुरू हो गई है और मंदिरों को सजाया-संवारा जा रहा है।

श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि श्री कृष्ण जन्मभूमि में श्री कृष्ण जन्माष्टमी 12 अगस्त को मनाई जाएगी। महोत्सव को भव्य और आकर्षक बनाने को लेकर संस्थान सदस्यों की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। इधर, द्वारिकाधीश मंदिर के विधि और मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट ने बताया कि मंदिर में 12 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।

वहीं ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भी 12 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इससे इतर विश्व प्रसिद्ध नंदबाबा मंदिर में 11 अगस्त को परंपरा अनुरूप श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा। मंदिर के सेवायत मुकेश गोस्वामी ने बताया कि पूर्णिमा से बधाइयों को दौर शुरू हो गया है। इसी दिन से ही रात्रि से नंदभवन में बधाई गायन कर उत्सव मनाया जाना शुरू हो जाता है।

12 अगस्त को मनाएं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
पंचांग के अनुसार, प्रतिवर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाता है। कई बार ज्योतिष गणना में तिथि और नक्षत्र में समय का अंतर रहता है। इस कारण तारीखों में मतभेद होता है। आचार्य श्यामदत्त चतुर्वेदी ने बताया कि भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि का प्रारंभ 11 अगस्त सुबह 9 बजकर 6 मिनट से हो रहा है, जो 12 अगस्त को दिन में 11 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। वहीं रोहिणी नक्षत्र का प्रारंभ 13 अगस्त को तड़के 3 बजकर 27 मिनट से हो रहा है और समापन सुबह 5 बजकर 22 मिनट पर होगा। ऐसे में 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाना उचित रहेगा।

जन्माष्टमी पूजा का समय
जन्माष्टमी की पूजा के लिए इस बार 43 मिनट का समय मिलेगा। 12 अगस्त की रात 12 बजकर 5 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक श्रीकृष्ण जन्म की पूजा करना शुभ है।

जन्माष्टमी व्रत
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत सभी आयु वर्ग के लोग कर सकते हैं। हालांकि स्वास्थ्य समस्या पर व्रत नहीं करें। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, जन्माष्टमी का व्रत करने से व्यक्ति को बाल कृष्ण जैसी संतान प्राप्त होती है।

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