इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कंटेनमेंट जोन के अलावा प्रदेश के सभी जिला न्यायालयों और अधीनस्थ अधिकरणों को आठ जून से पूरी तरह से खोलने का निर्देश दिया है। हालांकि रिमांड और विचाराधीन बंदियों से जुड़े सभी कार्य अभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही किए जाएंगे। इस प्रक्रिया में जिस्टीमीट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना होगा।

महानिबंधक अजय कुमार श्रीवास्तव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी जिला न्यायालयों को कम से कम एक या दो ई-कोर्ट स्थापित करने को कहा गया है जिसमें जिस्टीमीट सॉफ्टवेयर से मुकदमों की सुनवाई की जाएगी। इसके लिए कम्प्यूटर सेक्शन को वकीलों की मदद करने का निर्देश दिया गया है।

वकीलों-न्यायिक अधिकारियों को ड्रेसकोड में छूट
वकीलों के साथ न्यायिक अधिकारियों को भी कोट व गाउन पहनने से छूट दी गई है। अदालत में पुरुष अधिवक्ता सफेद शर्ट व हल्के रंग की पैंट और महिला अधिवक्ता हलके रंग का सादा वस्त्र पहनेंगी। इसके अलावा पूर्व में जारी अन्य गाइडलाइन का भी पालन करना होगा।

एक अदालत में होंगी सिर्फ चार कुर्सियां
जिला न्यायालयों को खोले जाने पर पूर्व में जारी सभी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा। इस क्रम में एक अदालत में सिर्फ चार कुर्सिंयां रखी जाएंगी और एक समय में चार से अधिक वकील नहीं रहेंगे। यह भी कहा गया है कि सिर्फ वही वकील और वादकारी न्यायालय आएं जिनके मुकदमे लगे हैं। सभी को मास्क और सेनिटाइजर का उपयोग भी तयशुदा गाइडलाइन के मुताबिक करना होगा। इसके लिए बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की भी मदद लेने को भी कहा गया है।  आदेश के अनुसार न्यायालय कर्मचारी और न्यायिक व पीठासीन अधिकारी न्यायिक कार्य समाप्त होते ही न्यायालय परिसर छोड़ देंगे।

बंद रहेंगी कंटेनमेंट जोन वाली अदालतें
रजिस्ट्रार जनरल के आदेश के मुताबिक कंटेनमेंट जोन वाले जिला न्यायालय अभी बंद रहेंगे। उनके कंटेनमेंट जोन से बाहर आने के बाद वहां भी यह आदेश लागू हो जाएगा। संबंधित जिलाधिकारी सीएमओ के साथ रोजाना स्थिति की समीक्षा करेंगे। जिला प्रशासन व सीएमओ को यदि यह लगेगा कि न्यायालय एक निश्चित समय के लिए बंद किया जाना चाहिए तो उसे हां बंद कर दिया जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here