लगभग डेढ़ करोड़ का चारा खाकर भी देवीपुरा गोशाला में मरने वाली गायों के पेट में पॉलीथिन मिली है। मामले की जानकारी होने के बाद डीएम ने सीवीओ से पूरी रिपोर्ट तलब की है। इधर, घटना के दूसरे दिन एडी बरेली ने भी गोशाला पहुंचकर जांच की। माधोटांडा रोड स्थित देवीपुरा गोशाला में गुरुवार को बड़ी संख्या में गोवंशों के मरने की सूचना पर एसडीएम सदर और ईओ मौके पर जांच करने पहुंचीं। जांच में 10 पशु मरे मिले थे, जिनको तत्काल पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोवशों की मौत की वजह पेट में पॉलीथिन और उम्रदराज होना पाया गया।

इधर, शुक्रवार पशु विभाग बरेली मंडल बरेली के एडी जीवनदत्त भी गोशाला पहुंचे। उन्होंने भी जांच कर सीवीओ के अलावा वहां कुछ कर्मचारियों के बयान लिए और बरेली लौट गए। बताते हैं कि दो साल में करीब गोशाला के पशुओं के चारे के लिए डेढ़ करोड़ दो करोड़ रुपये का बजट आया है। इसमें से करीब डेढ़ करोड़ रुपये का चारा खिलाया भी जा चुका है। वर्तमान में गोशाला में करीब 512 पशु हैं। इधर, शुक्रवार को एसडीएम अविनाश चंद मौर्य देवीपुरा गोशाला पहुंचे। यहां खड़जा निर्माण के कार्य में सुस्ती पर प्रधान और सचिव से नाराजगी जताई। एडीएम ने बताया कि दस पशु मरे हैं, वे उम्रदराज भी थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पेट में पशुओं के पॉलीथिन मिली है। बाकी खड़ंजा आदि के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

30 रुपये का मिलता है बजट 

गोशालों में रखे जाने वाले पशुओं के लिए शासन स्तर से सिर्फ 30 रुपये बजट तय है। हरा चारा समेत भूसा और चोकर के दाम काफी चढ़ गए हैं। ऐसे में दिक्कत होती है।

नियमित नहीं जाते हैं नोडल 

देवीपुरा गोशाला के नोडल अफसर सदर पशु अस्पताल के डॉ. लक्ष्मी प्रसाद है। नियम है कि प्रतिदिन गोशाला में जाकर पशुओं की देखभाल करें। सूत्रों की मानें डॉक्टर गोशाला बहुत कम ही जा पातें हैं। यही नहीं वे सदर अस्पताल में भी कम बैठते है। यही वजह है सही से देखरेख न हो पाने से पशुओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है। एडी जीवनदत्त ने भी कहा कि सदर अस्पताल के डा. लक्ष्मी प्रसाद की लापरवाही फिलहाल दिख रही है।

…तो बनी रहेगी अव्यवस्था 

देवीपुरा गोशाला में 300 पशुओं को रखने की क्षमता है, पर यहां 500 से अधिक पशु रह रहे है। इतना ही नहीं प्रत्येक जानवर पर एक कर्मचारी की नियुक्त होनी चाहिए वह भी पूरी नहीं है। एक कर्मचारी को 100-100 पशुओं की देखभाल करना पड़ता है।

बिलसंडा में गोशाला संचालिका को नोटिस 

दो दिन पहले बिलसंडा क्षेत्र के सिंघौरा गांव में स्थित गौशाला का मुद्दा उठा था, जहां सीवीओ डाॅ. एके गर्ग जांच करने पहुंचे थे। गोशाला संचालिक मीनू भदौरिया पर गौवंशों का रखने में 500-500 रुपये लेने का आरोप है। आरोप था कि गोशाला में मात्र 30 पशुओं को रखने की क्षमता है। पर मीनू ने 200 पशुओं को बाहर से मंगाकर रखा है, जिससे अव्यवस्था फैल रही है। आरोप है कि गांव में कई छुटट्टा पशु घूमते हैं, जिनको गौशाला में नहीं रखा गया और उन्होंने बाहर से पशुओं को मंगाकर रखा है। सीवीओ डाॅ. एके गर्ग ने बताया कि ग्रामीणों के बयान दर्ज किए थे, जिसमें संचालिकों पर रुपये लेने के आरोप है। मामले में नोटिस जारी की गई है। सीडीओ की ओर से भी नोटिस जारी की गई है। जवाब संतोषजनक न होने पर कार्रवाई की जाएगी।

देवीपुरा गोशाला में जांच करने पहुंचा था, जहां 10 पशुओं की मौत हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पॉलीथिन पाई गई है। उम्र दराज पशुओं की मौत के मामले में फिलहाल सदर अस्पताल के पशु चिकित्सक की लापरवाही संज्ञान में आई है।

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