आने वाले दिनों में शहर में अवैध निर्माणों पर काफी हद तक अंकुश लगेगा। इसके लिए शासन ठोस कार्रवाई कर रहा है। एक ऐसा साफवेयर तैयार किया  जा रहा है जिसमें शासन को अवैध निर्माणों की जानकारी एक क्लिक में मिल जाएगी।

राजधानी सहित प्रदेश के अन्य तमाम विकास प्राधिकरणों में धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं। इस पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। शासन के निर्देशों को भी इंजीनियरों व अधिकारियों पर कोई असर नहीं हो रहा है। शासन काफी सयम से इस पर अंकुश लगाने के जतन तलाश रहा था। अब इसके लिए शासन एक विशेष साफ्टवेयर तैयार करा रहा है जिसके जरिय वह अवैध निर्माणों पर नजर रख सकेगा। इसमें सभी प्राधिकरणों को अवैध निर्माणों का पूरा डेटा फीड करना होगा। शासन के अधिकारी इसे एक क्लिक में देख सकेंगे। तीन जून को प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस साफ्टवेयर DEV AUTH का प्रजेन्टेशन होना था। लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से प्रजेन्टेशन नहीं हो पाया था। प्रमुख सचिव आवास ने इसे अगली बैठक में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। साफ्टवेयर एनआईसी तैयार करा रहा है।

साफ्टवेयर में होगा वादों का विवरण
जो साफ्टवेयर तैयार हो रहा है उसमें प्राधिकरणों में चल रहे विभिन्न वादों का विवरण भी होगा। इसमें अवैध निर्माण के विभिन्न न्यायालयों चल रहे प्रकरणों का ब्योरा भी होगा। विहित प्राधिकारी से लेकर कमिश्नर तक की कोर्ट के मामले इसमें होंगे। इसके अलावा प्राधिकरणों के अन्य वादों का भी ब्योरा होगा।

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