उत्तर प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशों के बाद भी आज से प्रदेश के कई धर्मस्थल नहीं खुल पाएंगे। नहीं खुलने वाले धर्मस्थलों में मिर्जापुर का मां विंध्यवासिनी धाम, वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर, मथुरा का बांके बिहारी मंदिर, लखनऊ की आसिफी मस्जिद शमिल हैं। बाराबंकी में देवा शरीफ मजार भी 24 जून से पहले नहीं खुलेगी। हालांकि सोमवार से अयोध्या के मंदिर शासन के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे।

वाराणसी, कानपुर, मेरठ और आगरा आदि अधिक कंटेनमेंट जोन वाले शहरों में जिला प्रशासन और धर्मस्थल प्रबंधकों ने 8 जून से धर्मस्थलों को न खोलने का निर्णय किया है। विंध्याचल के पंडा समाज की बैठक में निर्णय लिया गया कि अभी धाम को श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोला जाएगा। वाराणसी में धर्मस्थलों को खोलने से पहले प्रशासनिक स्तर पर जांच की जाएगी। प्रबंधकों से सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन के बारे में लिखित में जानकारी मांगी गई है। इस जानकारी का सत्यापन मजिस्ट्रेट करेंगे फिर संबंधित धर्मस्थल को खोलने की इजाजत दी जाएगी।

लखनऊ और आसपास के जिलों में सभी धर्मों के बड़े धर्मस्थलों को पूरा एहतियात बरतते हुए खोलने की तैयारी कर ली गई है। मनकामेश्वर मंदिर, चंद्रिका देवी मंदिर, हनुमान सेतु और अलीगंज हनुमान मंदिर, नाका गुरुद्वारा आदि को खोलने की पूरी सतर्कता के साथ तैयारी कर ली गई है। ईदगाह मस्जिद, टीले वाली मस्जिद और जामा मस्जिद में भी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। दूसरी ओर शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद नकवी ने कहा है कि सरकार ने जो शर्तें रखी हैं उसमें जमात के साथ नमाज नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते तब तक शिया मस्जिदों में जुमा और जमात के साथ नमाज अदा नहीं की जाएगी।

कानपुर में धर्मस्थलों को खोलने के संबंध में सोमवार का प्रशासन के साथ विभिन्न धर्मों के प्रमुख लोगों की बैठक में विचार किया जाएगा। फिलहाल यहां भी धर्मस्थल नहीं खुलेंगे। वाराणसी में हालांकि सोमवार से धर्मस्थल नहीं खुलेंगे पर काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों को दर्शन-पूजन कराने की तैयारी हो चुकी है। मंदिर के सीईओ विशाल सिंह के अनुसार जिला प्रशासन की ओर से गाइड लाइन मिलने के बाद भक्तों को गेट नंबर चार (ज्ञानवापी) से प्रवेश और निकासी अन्नपूर्णा मंदिर के निकट अपारनाथ मठ की ओर से खोले गए गेट नंबर पांच से कराई जाएगी। संकटमोचन मंदिर में भक्तों की तीन चरणों में थर्मल स्कैनिंग कराकर एक बार में 10 लोगों को प्रवेश मिलेगा। अन्नपूर्णा मंदिर के महंत रामेश्वर पुरी ने बताया कि मंदिर में प्रवेश और निकास पर अभी दुविधा  है। काल भैरव मंदिर के महंत नवीन गिरि ने बताया कि मंदिर में एक बार में अधिकतम सात लोग प्रवेश कर सकेंगे।

गुरुद्वारा नीचीबाग और गुरुबाग गुरुद्वारे में भी दर्शन पूजन की सभी तैयारियां पूरी कर लीं गईं हैं। मस्जिदों के खुलने के पहले भी कमेटियां बैठक कर दिशा निर्देश तय करेंगी। बड़ी मस्जिद मदनपुरा में नमाजियों को सेनेटाइजेशन कराने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। नमाजी वजू अपने घर से करके आएंगे। नमाज पढ़ने के लिए कपड़े भी घर से लाएंगे। नमाज पढ़ने के बाद मस्जिद में कोई नहीं रुकेगा।

बरेली में सभी नाथ मंदिरों में सीमित संख्या में ही भक्तों का प्रवेश हो सकेगा। गर्भ गृह में शिवलिंग से 4 मीटर की दूरी पर पूजन किया जा सकेगा। मंदिर में फल समेत अन्य सामग्री का चढ़ावा फिलहाल बंद रहेगा और प्रसाद भी वितरित नहीं किया जाएगा। बरेलवी मसलक की तमाम मस्जिदें, खानकाहों में इबादत की तैयारी हो रही है। मजारों पर फिलहाल चादरपोशी, गुलपोशी की इजाजत नहीं होगी। नमाजियों से घरों से ही वजू करने, सुन्नी,नफिल पढ़कर मस्जिद में आने की इजाजत दी है। मस्जिदों में केवल फज्र की नमाज अदा की जाएगी। जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने कहा मस्जिदों में पहले भी चार से पांच लोग नमाज पढ़ रहे थे, अब भी ऐसा ही होगा। इसमें कुछ बदलाव नहीं है। बदायूं की छोटे सरकार दरगाह, पीलीभीत के यशवंतरी मंदिर, लखीमपुर में गोला के प्रसिद्ध शिव मंदिर, शाहजहांपुर के प्रसिद्ध हनुमत धाम को नियमों का पालन कराने को तैयारी पूरी कर ली गई है।

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