उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के फरेंदा कस्बे में ट्रैक्टर चलित आटा चक्की मशीन ट्रायल के दौरान पत्थर फटने के कारण उसके अगल-बगल खड़े तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनकटी ले जाया गया। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया। जहां पर इलाज के दौरान तीनों की मौत हो गई। पुलिस घटना की जांच कर रही है।
कुशीनगर के मेथौली कप्तानगंज निवासी मारकंडेय पांडेय अपने दो रिश्तेदारों के साथ बृहस्पतिवार की शाम करीब सात बजे फरेंदा कस्बे के दक्षिणी बाईपास स्थित एक मशीनरी स्टोर्स की दुकान पर ट्रैक्टर चलित आटा चक्की मशीन खरीदने पहुंचे। जहां पर दुकानदार से मशीन खरीदने के बाद ट्रायल कराने की बात कही।
ट्रायल के दौरान ही मशीन में लगा पत्थर अचानक फट गया। जिससे ट्रायल कर रहे मिस्त्री दीपक गुप्ता (29) निवासी लोहरपुरवा कैम्पियरगंज व उसके अगल-बगल खड़े कुशीनगर मेथौली निवासी दिवाकर मिश्रा (40) व अखिलेश दिवेदी (25) वर्ष गंभीर रूप से घायल हो गए।
विस्फोट इतना तेज था कि आवाज को सुनकर अगल-बगल के लोग इकठ्ठा हो गए। स्थानीय लोगों ने तीनों घायलों को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनकटी ले गए। जहां तीनों की हालत नाजुक देखते हुए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज में तीनों की मौत हो गई। इस संबंध में एसओ मनीष कुमार सिंह ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है। तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
लापरवाही बनी घटना की वजह
फरेंदा कस्बे के मशीनरी की दुकान पर ट्रैक्टर चलित आटा चक्की में विस्फोट के कारण तीन जिंदगी काल के गाल में समा गई। घटना में जानकारों द्वारा लापारवाही की बात कही जा रही है। नई आटा चक्की के ट्रायल के दौरान अगल-बगल लोगों के खड़ा होने की मनाही होती है। लेकिन ऐसा न करने से तीन लोगों की जान चली गई।
दीपक के कंधे पर थी परिवार की जिम्मेदारी
ट्रैक्टर चलित आटा चक्की विस्फोट के दौरान लोहरपुरवा निवासी मृतक मिस्त्री दीपक गुप्ता के कंधे पर परिवार संभालने की जिम्मेदारी थी। वह अपनी मां देवंती व पत्नी सोनी व दो बच्चे बेटी देवांशी (2) बेटा ऋषभ (8) माह सहित दो भाइयों के साथ गुजर बसर कर रहा था।
उसकी मौत के बाद पूरे परिवार को रो-रो कर बुरा हाल है। पति के मौत के बाद दहाड़े मार कर रोती हुई पत्नी अपने बच्चो को एकटक निहार रही थी। मां भी बेटे के जाने के गम में बेसुध हो रही थी।