सेठ बोला, वापस सूरत आ जाओ, जो पिछला बकाया था वह तो मिलेगा ही साथ ही दोबारा नौकरी भी मिल जाएगी। यह कहना है कि सूरत से पिछले महीने सूरत से गोरखपुर आने के बाद शुक्रवार को दोबारा से सूरत जाने वाले दिनेश पासवान का। दिनेश ने बताया कि वह पिछले महीने 14 मई को गोरखपुर आया था। वहां वह पेंटर का काम करता था। सब कुछ बंद हो जाने खाने के लाले पड़ने लगे। कुछ नहीं सूझा तो सबकुछ छोड़ श्रमिक स्पेशल से जैसे-तैसे गोरखपुर पहुंच गया।

अब यहां मेरे पास कोई काम नहीं है। दो दिन लोगों के पास काम के लिए गया तो वहां से वापस कर दिया गया। यहां दो दिन सब्जी बेची लेकिन 100 रुपये भी नहीं कमा पा रहा था। इसी बीच मेरे सूरत वाले सेठ का फोन आ गया उसने बताया कि वहां (सूरत) में काम शुरू हो गया है। वापस आ जाओ। यहां पिछला बकाया 9 हजार रुपये तो मिलेंगे ही दोबारा से काम मिल जाएगा। परिवार और पेट से मजदूर था इसलिए वापस जाने का मन बना लिया और टिकट कटा कर ट्रेन पकड़ ली।

दिनेश की ही तरह सूरत और अहमदाबाद में काम करने वाले सूरत, विकास पप्पू समेत दर्जनों श्रमिक अब वापस जाने लगे हैं। यह सभी वही हैं जो बीते दिनों श्रमिक स्पेशल से गोरखपुर आए थे। परिवार की चिंता ने दूसरे शहरों में मिली दुस्वारियां और तकलीफें भुला दी हैं। यही कारण हैं कि दूसरें शहरों में अपना सबकुछ गंवा चुके श्रमिक अब दोबारा वापस जाने लगे हैं। कोई अहमदाबाद तो कोई सूरत तो फिर कोई भावनगर। रेलवे स्टेशन पर धीरे-धीरे वापस जाने वाले श्रमिकों की संख्या बढ़ रही है। उनके जाने का सिलसिला बीते तीन दिनों से जारी है। ये सभी वही श्रमिक हैं बड़े शहरों से काम बंद हो जाने की वजह से वापस अपने गांव लौट आए थे। यहां आने के बाद जब उनके सेठ, फैक्ट्री मैनेजर के फोन आने लगे सभी परिवार के लिए दोबारा से वापस जाना ही बेहतर समझा।

बकाया पैसा वापस देने का ऑफर वापस खींच रहा श्रमिकों को
मजदूरों की वापसी अनायास ही नहीं है। श्रमिकों के सेठ, सुपरवाइजर, कांट्रेक्टर का पिछला बकाया दिलाने के साथ ही नौकरी का ऑफर श्रमिकों को वापस जाने पर मजबूर कर रहा है। ‘हिन्दुस्तान’ ने शुक्रवार को प्लेटफार्म नम्बर-दो पर अवध एक्सप्रेस में सवार हो जाने से 12 श्रमिकों से बात की तो सभी ने अपनी पुरानी नौकरी वापस मिल जाने के साथ ही पिछला बकाया मिलने की बात कही।

सेठ ने नौकरी के पास ही बकाया पैसा दिलाने का किया वादा
मैं पिछले महीने 12 मई को सूरत से गोरखपुर आया था। दो-तीन फैक्ट्री में काम मांगने गया लेकिन नहीं मिला। इसी बीच हमारे पुराने फैक्ट्री के सुपरवाइजर का फोन आ गया। उन्होंने दोबारा से काम दिलाने के साथ ही बकाया पैसा भी दिलाने का आश्वासन दिया है। ऐसे में अब वापस सूरत जा रहा हंू। मैं वहां बतौर फिटर काम करता हूं।
विकास, कैम्पियरगंज

15 हजार बकाया भी मिलेगा और नौकरी भी
मैं सूरत में पेंटर का काम करता था। लॉकडाउन की वजह से पिछले महीने श्रमिक स्पेशल से गोरखपुर आ गया था। यहां कोई खास काम नहीं मिला। एक-दो दिन लेबर चौराहे पर खड़ा तो भी काम नहीं मिला। इस बीच हमारे कांट्रेक्टर का फोन आ गया। उसने दोबारा से काम दिलाने के साथ ही बकाया 15 हजार रुपये भी देने को कहा। इसलिए वापस जा रहा हूं।
पप्पू, खजनी

मुझे बकाया भी मिलेगा और काम भी 
मैं पिछले महीने 16 मई को श्रमिक स्पेशल से घर आ गया था। वहां काम बंद हो जाने की वजह से वहां खाने के लाले पड़ गए थे। मजबूरन वापस आना पड़ा था। यहां आया तो भोजन का संकट तो नहीं हुआ लेकिन परिवार चलाने के लिए जेब में एक पैसा भी नहीं था। इस बीच सूरत से फोन आया और सेठ बोला, वापस आ जाओ, जो पिछला बकाया था वह तो मिलेगा ही साथ ही दोबारा नौकरी भी मिल जाएगी। रोजी-रोटी का सवाल था। करता तो करता क्या। वापस जाने के लिए ट्रेन पकड़ ली।

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