प्रदेश में फसलों पर टिड्डी दल के हमले की आशंका को देखते हुए विभिन्न जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। स्थानीय प्रशासन ने बचाव के लिए अपने स्तर पर कई तरह की तैयारियां की हैं।

झांसी में मंगलवार को एक बड़े टिड्डी दल के प्रवेश की आशंका जताई गई है। संयुक्त कृषि निदेशक कमल कटियार ने बताया कि यह लगभग तीन किलोमीटर लंबा हो सकता है।

रविवार की शाम भी एक टिड्डी दल झांसी पहुंचा था। इसने शिवपुरी के रास्ते बबीना में दस्तक दी थी। यहां से टिड्डी दल ने सुकुवां ढुकुवां बांध के पास के जंगल की ओर रुख किया। शाम को यह दल तीन हिस्सों में बंट गया।

एक दल सुकुवां में रह गया जबकि एक बड़ा हिस्सा मध्य प्रदेश की ओर चला गया था। एक अन्य दल ने ललितपुर के तालबेहट की ओर रुख किया था। सुकुवां में रात में इन पर रसायन का छिड़काव किया गया। इससे 40 प्रतिशत टिड्डियां खत्म हो गईं, जबकि शेष मध्यप्रदेश की ओर बढ़ गईं।

इससे पहले एक टिड्डी दल शुक्रवार को झांसी पहुंचा था। इन कीटों ने बरुआसागर व आसपास के गांवों में सब्जियों के खेतों में भारी नुकसान पहुंचाया था। बुंदेलखंड के साथ ही कानपुर देहात, इटावा और कन्नौज के किसानों को भी अलर्ट किया गया है।

ग्रामीणों को किया जागरूक, कहा- ढोल-थाली बजाएं
टिड्डी दल से बचाव के लिए ग्रामीणों को भी जागरूक किया जा रहा है। टिड्डियों के आने पर उन्हें जगह-जगह एकत्रित होकर ढोल, थाली आदि बजाने के लिए कहा गया है, ताकि टिड्डियां फसलों पर न उतरने पाएं। दवाइयों के छिड़काव के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है।

प्रयागराज : फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तैनात, छिड़काव को दवाएं मंगवाईं
झांसी में टिड्डी दल के तीन दलों में बंटने की सूचना के बाद प्रयागराज में भी अलर्ट जारी किया है। एक दल के यहां आने की आशंका बनी हुई है। उप निदेशक, कृषि विनोद कुमार के अनुसार इस दल के पीछे भी टिड्डियों के अन्य झुंड राजस्थान और अन्य स्थानों पर हैं जिनका भी खतरा बना हुआ है। ऐसे में बचाव की पूरी तैयारी की गई हैं। यहां आठ फायर ब्रिगेड की गाडियां और 18 टैंकर रिजर्व कर लिए गए हैं। छिड़काव के लिए दवाइयां भी मंगाई गई हैं। इनके अलावा दवा विक्रेताओं से दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखने के लिए कहा गया है।

गोरखपुर : फिलहाल खतरा नहीं, एडवायजरी जारी
टिड्डी दल को लेकर गोरखपुर में फिलहाल कोई खतरा नहीं है। इसके बावजूद एहतियात के तौर पर कृषि विभाग ने एडवायजरी जारी की है। एडवायजरी में किसानों को फसलों पर विभिन्न कीटनाशकों का छिड़काव करने का सुझाव दिया गया है।

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