लॉकडाउन के बीच देश की इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी के तहत रिजर्व बैंक ने भी राहत के दरवाजे खोल दिए हैं. आरबीआई ने के मुताबिक रेपो रेट में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.15 से घटकर 4.45 फीसदी पर आ गई है. कोरोनावायरस तथा उससे पैदा होने वाली बीमारी COVID-19 के आतंक के बीच भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 75 आधार अंकों की कटौती कर दी है, और इसे 4.4 फीसदी पर ले आए हैं. माना जा रहा है कि अगर बैंक भी इसका लाभ ग्राहकों तक पहुंचाते हैं, तो होम लोन तथा अन्य ऋणों पर ब्याज दरें कम हो सकती हैं, जिससे आम आदमी को राहत मिलेगी. रेपो रेट के अलावा RBI ने रिवर्स रेपो रेट में भी 90 आधार अंक की कटौती की है, जो अब चार फीसदी पर पहुंच गया है.
भारत में कोरोना वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर शुक्रवार को 17 हो गई और संक्रमित मामले 724 पर पहुंच गए. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुबह नौ बजकर 15 मिनट पर अपने ताजा आंकड़ों में बताया कि महाराष्ट्र में चार लोगों की मौत हो गई जबकि गुजरात में तीन लोगों की मौत हुई है. कर्नाटक में अभी तक दो लोग जान गंवा चुके हैं जबकि मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में एक-एक शख्स की मौत हुई.
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- इसके साथ ही बैंक ही ये तय करेंगे कि वो कौन से लोन पर ईएमआई की छूट दे रहे हैं. मतलब ये कि रिटेल, कमर्शियल या अन्य तरह के लोन लेने वाले लोगों के लिए अब भी एक तरह का कन्फ्यूजन बना हुआ है.
- – बहरहाल, आरबीआई की रेपो रेट कटौती का फैसला ऐतिहासिक है. यह कटौती आरबीआई इतिहास की सबसे बड़ी है. बता दें कि बीते दो मौद्रिक समीक्षा बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट को लेकर कोई फैसला नहीं लिया था.
- -रेपो रेट कटौती का फायदा होम, कार या अन्य तरह के लोन सहित कई तरह के ईएमआई भरने वाले करोड़ों लोगों को मिलने की उम्मीद है. इसके साथ ही नए लोन लेने वाले ग्राहकों को भी फायदा मिलेगा. इसके साथ ही आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में भी 90 बेसिस प्वाइंट कटौती करते हुए 4 फीसदी कर दी है.
- – हालांकि, आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ रेट और महंगाई रेट को लेकर आंकड़े नहीं जारी किए हैं ये पहली बार है जब आरबीआई ने आंकड़े पेश नहीं किए हैं.
- -आरबीआई गवर्नर ने बताया कि कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती करके 3 प्रतिशत कर दिया गया है. यह एक साल तक की अवधि के लिए किया गया है.
- -आरबीआई गवर्नर के मुताबिक सभी कमर्शियल बैंकों को ब्याज और कर्ज अदा करने में 3 महीने की छूट दी जा रही है. इस फैसले से 3.74 लाख करोड़ रुपये की नकदी सिस्टम में आएगी.
- -आरबीआई गवर्नर ने इसके साथ ही लोगों से डिजिटल बैंकिंग की सलाह दी है.उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि बैंकिंग सिस्टम सुरक्षित और मजबूत है.
आंकड़ों के अनुसार, देश में कोविड-19 के ऐसे मामलों की संख्या 640 है जिनमें रोगियों का उपचार चल रहा है जबकि 66 लोग या तो स्वस्थ हो गए या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई तथा एक व्यक्ति कहीं चला गया. मंत्रालय ने बताया कि संक्रमित लोगों के कुल 724 मामलों में 47 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं.