स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बेचने के लिए ऑनलाइन विज्ञापन देने वाले व्यक्ति के खिलाफ नर्मदा जिले की केवडिया पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। ओएलएक्स वेबसाइट पर दिए गए इस विज्ञापन में स्टैच्यू की कीमत 30 हजार करोड़ लगाई गई थी। विज्ञापन में कहा गया था कि स्टैच्यू बेचकर कोरोना का इलाज करने में जुटे अस्पतालों और इसकी सुविधाओं पर होने वाले सरकार के खर्च की भरपाई की जाएगी।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सरदार पटेल का स्मारक है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में किया था। इसकी ऊंचाई 182 मीटर है और यह दुनिया की सबसे बड़ी स्टैच्यू है। अब तक इसे देखने दुनिया भर से लाखों लोग पहुंच चुके हैं।

केवडिया पुलिस स्टेशन के अधिकारियों के मुताबिक, किसी अनजान व्यक्ति ने शनिवार को यह विज्ञापन दिया था। अखबार में खबर छपने के बाद स्मारक की देखरेख करने वाले अधिकारियों को इसका पता चला और उन्होंने पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद कार्रवाई की गई। विज्ञापन देने वाले के खिलाफ आईपीसी के तहत धोखाधड़ी, महामारी कानून और आईटी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।

केडविया थाने के इंस्पेक्टर पीटी चौधरी के मुताबिक, विज्ञापन पोस्ट करने के तुरंत बाद इसे वेबसाइट से हटा लिया गया। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के मुख्य प्रशासक ने कहा कि विज्ञापन देने वाला व्यक्ति सरकारी संपत्ति बेचने के लिए अधिकृत नहीं था। इसके बावजूद उसने यह विज्ञापन देकर लोगों को भ्रमित किया और सरकार को बदनाम किया। इस विज्ञापन से उन करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं, जो सरदार पटेल को अपनी प्रेरणा मानते हैं।

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